मुरादाबाद। कुंदरकी के इंजीनियर हत्याकांड में उम्रकैद की सजाए पाए तीनों दोषियों को गैंगस्टर एक्ट में भी सजा सुनाई गई है। तीनों को दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
कुंदरकी थाने के तत्कालीन प्रभारी ध्रुव कुमार ने 5 दिसंबर 2014 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि शकील, नूर मोहम्मद, धर्मपाल राजेंद्र और कमल अपना गैंग बना कर आम जनता के मन में भय उत्पन्न कर अनैतिक लाभ प्राप्त करते हैं। आरोपियों के खिलाफ अलग अलग थानों में हत्या और लूट के मुकदमे भी दर्ज हैं। इस मामले में पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
उक्त मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में की जा रही थी। मुकदमे के दौरान पुलिस मुठभेड़ में शकील और कमल मारे जा चुके हैं। शेष तीनों आरोपियों की सुनवाई अदालत में की गई। विशेष लोक अभियोजक राजीव कुमार त्यागी ने बताया कि अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर उक्त तीनों दोषियों को गैंगस्टर एक्ट का दोषी मानते हुए दस दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
तीनों दोषियों को हो चुकी है उम्रकैद की सजा कुंदरकी के काजीपुरा निवासी टेलीफोन कंपनी के इंजीनियर मोहम्मद इकराम को नौ अक्तूबर 2014 की रात अगवाकर बीस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती लेने से पहले ही इंजीनियर की हत्या कर लाश बदायूं में फेंक दी थी। इस मामले में 18 अगस्त 2023 को जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार की अदालत से संभल के बहजोई थाना क्षेत्र के रमपुरा नूर मोहम्मद, राजेंद्र और बहजोई थाना क्षेत्र के ही भरतपुर निवासी धर्मपाल को उम्रकैद की सजा और सभी पर 14 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। दोषियों ने टेलिकॉम इंजीनियर को पहले अपहरण किया था। परिजनों से फिरौती की रकम लेने के बाद उसकी हत्या कर दी थी।