मुरादाबाद।
अंबाला, सानेहवाल, चंडीगढ़, देहरादून, लक्सर आदि रेलखंडों में लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके कारण पिछले चार दिन से तमाम ट्रेनें बीच रास्ते में रोकी जा रही हैं। कई ट्रेनें रद्द भी की गई हैं। इसके कारण सिर्फ मुरादाबाद मंडल में ही एक लाख से ज्यादा यात्री परेशानी हुए हैं। जबकि करीब 10 हजार यात्रियों ने टिकट रद्द कराए हैं। बीच रास्ते में ट्रेनें रोक देने के कारण रेलवे ने यात्रियों को रिफंड भी दिया है।
उत्तर रेलवे में बारिश के कारण 201 एक्सप्रेस और 199 पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गईं हैं। 92 रेलगाड़ियों की यात्रा गंतव्य से पहले समाप्त की गई और 68 रेलगाड़ियों को अपने निर्धारित स्टेशन से पहले प्रस्थान करना पड़ा। दो दिन में उत्तर रेलवे यात्रियों को 54 लाख रुपये लौटा चुका है। बारिश न थमने से यह प्रक्रिया लगातार जारी है। बुधवार देर रात भी बेगमपुरा और पंजाब मेल एक्सप्रेस को मुरादाबाद में रोकना पड़ा। स्टेशन पर कोई गर्भवती पत्नी को साथ लिए परेशान घूम रहा था, जबकि कोई बीमार मां को इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स लेकर जा रहा था। मुरादाबाद में ट्रेन रुकने से इन्हें बस अड्डों की ओर दौड़ लगानी पड़ी। सैकड़ों परेशान यात्रियों को बमुश्किल टीटीई स्टाफ ने समझाया। जीआरपी भी व्यवस्था में लगी रही। यात्रियों का कहना था कि बरसात की स्थिति में ट्रेनों को या तो रद्द रखा जाए या फिर यात्रियों को पहले ही सूचना दी जाए कि यह ट्रेन बीच रास्ते में रोक दी जाएगी। इससे जिन यात्रियों को कम दूरी पर जाना होगा, वही रिजर्वेशन कराएंगे।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि कुछ स्टेशनों से रेलवे ने बसों की व्यवस्था कर 481 यात्रियों को कुरुक्षेत्र से चंडीगढ़, शिमला से कालका और हरिद्वार से देहरादून पहुंचाया। सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क खोली गई हैं। रद्द ट्रेनों और परिवर्तित मार्ग से चलने वाली ट्रेनों की घोषणा स्टेशनों पर की जा रही है। साथ ही यात्रियों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। यात्रियों के टिकटों की धन वापसी के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई गई है।