मुरादाबाद। पट्टे की जमीन को लेकर 11 साल पुराने जानलेवा हमले के मामले में मुख्य आरोपी को अदालत ने दोषी करार देते हुए सात साल की कैद के साथ उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसी मुकदमे में दोषी करार दिए गए युवक के पिता को भी अदालत ने चौदह माह पहले सात साल की सजा सुनाई थी।
संभल के कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के रहौली निवासी टेकचंद 31 दिसंबर 2011 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि वह और उसका भाई यादराम बिसौली स्थित बाजार से लौट रहे थे। रात करीब नौ बजे घर के पास गांव निवासी जानकी और उसका बेटा भूरा खड़े थे। पिता पुत्र ने दोनों भाइयों को देखकर गाली गलौच शुरू कर दी। विरोध करने पर भूरा ने तमंचे से फायरिंग की। जिसके छर्रे यादराम के पेट में और उसकी पत्नी नीतू के हाथ में लगे। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गए थे। दोनों पक्षों के बीच पट्टे की जमीन पर कब्जे का विवाद था।इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश संख्या 12 संदीप कुमार सिंह की अदालत में की गई।
सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार कौशिक बताया कि आरोपी भूरा इस मुकदमे में फरार चल रहा था। जिसे अदालत ने तलब किया। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी भूरा को घटना का दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास के साथ उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में भूरा के पिता जानकी को अदालत पहले ही सजा सुना चुकी है।