मुरादाबाद। जिला अस्पताल में एमआरआई सुविधा जल्द चालू हो सकती है। इससे न्यूरो के मरीजों को निजी अस्पतालों में हजारों रुपये देकर जांच नहीं करानी पड़ेगी। यदि पीपीपी मॉडल पर एमआरआई शुरू की गई तो जिला अस्पताल में मरीज यह सुविधा निशुल्क ले सकेंगे। जबकि सरकारी व्यवस्था होने पर इसका कुछ शुल्क निर्धारित किया जा सकता है। यह तय है कि शुल्क प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में बहुत होगा।
हाल ही में शासन ने जिला अस्पताल में उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं व संसाधनों का ब्योरा मांगा था। साथ ही जिन संसाधनों की आवश्यकता है, उनके विषय में प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया। जिला अस्पताल प्रशासन ने सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ जरूरत की सामग्री का ब्योरा भी भिजवा दिया है। इसमें एमआरआई मशीन भी शामिल है। उम्मीद है कि इसी वर्ष जिला अस्पताल में मशीन पहुंच जाएगी। हालांकि अस्पताल में एमआरआई भवन पिछले चार साल से बनकर तैयार खड़ा है। तब से अब तक मुरादाबाद के लोग एमआरआई मशीन व रेडियोलॉजिस्ट का इंतजार कर रहे हैं।
कई बार पोर्टल के जरिए रोडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए बिड डाली गईं लेकिन मुरादाबाद जनपद को कुछ हाथ नहीं लगा। विभाग के जानकारों का कहना है कि मुरादाबाद में रेडियोलॉजिस्ट के पद के लिए डॉक्टरों को डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह से ज्यादा नहीं दिया जाता। जबकि महोबा आदि पिछड़े जनपदों में यह राशि प्रतिमाह तीन लाख रुपये तक है। इसके चलते कोई रेडियोलॉजिस्ट मुरादाबाद में तैनाती नहीं चाहते। बहरहाल अस्पताल प्रशासन ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। संभव है जल्द ही मरीजों को एमआरआई की सुविधा मिलने लगे।
फिलहाल मिल रहा सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड का लाभ
जिला अस्पताल में फिलहाल मरीजों को एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी लैब में विभिन्न जांचों की सुविधा मुफ्त मिल रही है। जबकि सीटी स्कैन में 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। बड़ी संख्या में मरीज इन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने के कारण अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 20 दिन तक लोगों को इंतजार करना पड़ता है। उम्मीद है कि रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति होने पर मरीजों को इतने दिन की वेटिंग नहीं दी जाएगी। साथ ही एमआरआई भी आसानी से हो सकेगी।