Moradabad News: दिव्यांग बच्चे से दुष्कर्म करने वाले दोषी को बीस साल का कारावास

Moradabad News: दिव्यांग बच्चे से दुष्कर्म करने वाले दोषी को बीस साल का कारावास


मुरादाबाद। दिव्यांग बच्चे के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी युवक को अदालत ने बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

कांठ थाने में 13 फरवरी 2019 को बच्चे के पिता केस दर्ज कराया गया था। जिसमें उसने बताया था कि उसकी पत्नी और दस वर्षीय दिव्यांग बेटा (बोलने सुनने में कमजोर) ईंख के खेत के पास बकरी चराने गए थे। इसी दौरान वहां कांठ के ईदगाह नई बस्ती निवासी बिलाल आ गया और बेटे को ईख के खेत में ले गया। आरोप है कि उसने बच्चे के साथ दुष्कर्म किया था। बेटा रोता हुआ ईंख के खेत से बाहर आया। मां के पूछने पर बच्चे ने आपबीती सुनाई। इस मामले में थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बिलाल के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र पेश किया गया। जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट संख्या तीन चंद्र विजय श्रीनेत की अदालत में की गई।

विशेष लोक अभियोजक मनोज गुप्ता और भूकन सिंह ने बताया कि आरोपी की ओर से तर्क दिया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। वादी से रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के कारण उसे इस मुकदमे में फंसाया है लेकिन आरोपी अपने इस कथन की पुष्टि अदालत में नहीं कर सका। वहीं दूसरी ओर अभियोजन पक्ष की ओर से तर्क रखा गया कि आरोपी शातिर है। जिसने दिव्यांग बच्चे के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। जिसकी पुष्टि बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट में भी हुई है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी बिलाल को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए उसे बीस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ उस पर पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सजा सुनते ही फूट-फूटकर रोया बिलाल

अदालत ने दोपहर बाद जब बिलाल को दुष्कर्म के आरोप में दोषी करार दिया तब सजा सुनने के बाद बिलाल ने फूट-फूटकर रोना शुरू कर दिया। अदालत से गुजारिश की कि उसने उसने कोई अपराध नहीं किया उसे झूठा फंसाया गया था लेकिन बिलाल के खिलाफ सभी साक्ष्य पत्रावली मौजूद थे। जिसके आधार पर अदालत ने उसे बीस साल की सजा सुनाई। ऐसा कोई साक्ष्य नहीं था जिससे वह निर्दोष साबित होता और अपनी बेगुनाही को साबित कर पाता। गांव के लोगों की गवाही, मूक बधिर बच्चे का मेडिकल, चिकित्सक के द्वारा दुष्कर्म की पुष्टि, सभी सबूत बिलाल के खिलाफ थे। जिसको आधार बनाकर अदालत ने अपना निष्पक्ष फैसला सुनाया।



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *