मुरादाबाद। भगतपुर टांडा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम चकरपुर पुरनपुर निवासी पप्पू की पत्नी सांतिया का नाम सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना (सेक) सूची में शामिल होने के बाद भी उसे पीएम आवास का लाभ नहीं मिल सका है। आरोप है कि 20 हजार रुपये की रिश्वत न देने पर अधिकारियों, कर्मचारियों ने उसे अपात्र दर्शा दिया। जिसके चलते वह पिछले दो साल से अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।
पिछले दो साल से अधिकारियों व राजनेताओं के चक्कर लगा कर थक चुके पप्पू ने बृहस्पतिवार अमर उजाला कार्यालय पहुंच अपनी पीड़ा बयां की। उसने बताया कि उसकी पत्नी सांतिया का नाम वर्ष 2011 में तैयार की गई ग्राम की सेक सूची में क्रमांक 90 पर अंकित है। वह रिक्शा चलाकर गुजर बसर करता है। दो साल पहले बारिश में उसका घर गिर कर क्षतिग्रस्त हो गया था। गांव पहुंचे लेखपाल ने मौके पर जांच कर रिपोर्ट भेजी थी। जिसके बाद उसे 3200 रुपये तहसील प्रशासन की ओर से मिले थे। आरोप है कि पीएम आवासीय योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बीडीओ व अन्य सर्वे कर्मचारियों ने उससे 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। उसके द्वारा गरीबी के कारण यह धनराशि देने में असमर्थता जताए जाने के बाद अधिकारियों ने उसे अपात्र दर्शा कर उसके बाद के क्रम के लोगों को आवास का लाभ दे दिया। पप्पू का कहना है कि इस संबंध में उसने उच्चाधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से इसकी शिकायत की।
पीडी सतीश प्रसाद मिश्र ने कहा कि मैंने बीडीओ से जानकारी की है। बीडीओ ने बताया कि दो साल पहले गांव के लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पप्पू की पत्नी को पीएम आवास योजना के लिए अपात्र घोषित किया जा चुका है। दो साल पहले वर्षा में कच्चा घर ढहने पर पप्पू को तहसील से आर्थिक सहायता मिली है लिहाजा इसे ध्यान में रखते हुए बीडीओ को फिर से उसकी पात्रता की जांच करा कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अगर वह पात्र है तो उसे मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ देने पर विचार किया जाएगा।