मुरादाबाद। 11 गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के विरोध में एमडीए कार्यालय गेट पर भाकियू (टिकैत) का धरना तीसरे दिन भी जारी है। किसानों ने शुक्रवार को भी पंचायत की। इसमें उन्होंने प्रस्ताव को रद्द करने की मांग दोहराई। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक एमडीए इस प्रस्ताव को रद्द करने की घोषणा नहीं करता आंदोलन जारी रहेगा।
एडीएम सिटी और एसपी सिटी शाम धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों से वार्ता कर उन्हें आंदोलन समाप्त करने के लिए राजी करने में जुटे रहे, लेकिन किसान नहीं माने। धरने के दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर नारेबाजी की। सभी वक्ताओं ने एमडीए प्रशासन से भूमि लेने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की। वक्ताओं ने ऐसा न होने तक धरना जारी रखने का भी एलान किया। इस मौके पर भाकियू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नो सिंह, प्रदेश महासचिव डॉ. चरन सिंह, गौरव सिंह तोमर, पंकज चौधरी, शुभम राठी, नौसे अली, साबिर हुसैन, शीशपाल सिंह आदि ने भी संबोधित किया।
एडीएम सिटी से किसानों की हुई नोंकझोक
एमडीए कार्यालय गेट पर धरने पर बैठे किसानों को से वार्ता के लिए शाम एडीएम सिटी ज्योति सिंह और एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने किसान नेताओं से बातचीत की। उन्हें बताया कि एमडीए प्रशासन बिना किसानों की सहमति के जमीन नहीं लेगा। लेकिन किसान भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान किसानों ने एडीएम सिटी से नोकझोंक भी हुई। वार्ता विफल होने के बाद अधिकारी वहां से चले गए।
किसानों को बरगलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई: कमिश्नर
एमडीए अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं बिना की सहमति भूमि नहीं ली जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि इसके बाद भी एमडीए की कार्रवाई के बारे में भ्रामक जानकारी देकर कुछ प्रापर्टी डीलर किसान और किसान संगठनों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम किया जा रहा है। उनके खिलाफ कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिन 11 गांवों में भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव है वहां अवैध निर्माण पर सख्ती की जाएगी।