मुरादाबाद। पीतलनगरी के निर्यात को पंख लगाने के उद्देश्य से 78 करोड़ रुपये की जमीन पर करीब 32 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया सोर्सिंग हब अब निजी हाथों को बेचा जाएगा। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। पीतल की चमक को देश और दुनिया में बिखेरने के लिए वर्ष 2007 में नया मुरादाबाद में 12 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में सोर्सिंग हब का निर्माण कराया गया था। जो निर्माण के बाद से बंद है।
एमडीए सभागार में मंगलवरा को हुई 133 वीं बोर्ड की बैठक में प्राधिकरण की नया मुरादाबाद योजना के सेक्टर-04 में निर्मित सोर्सिंग हब और वेयर हाउस को बेचने का प्रस्ताव रखा गया। वीसी शैलेष कुमार ने बताया कि इस योजना में केंद्र सरकार से भी लगभग 5.25 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई थी। कार्यदायी संस्था से विवाद के कारण सोर्सिंग हब का निर्माण कार्य पूरी तरह पूर्ण नहीं हो सका था। इसके बाद करीब 115 करोड़ रुपये प्राधिकरण के फंस गए हैं। बैठक में बताया गया कि निर्मित सोर्सिंग हब का निर्माण, उसका स्वरूप और संचालन आज की आवश्यकता के मुताबिक फिट नहीं है। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार से अनुमति लेकर दस्तकारों को उनकी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने के लिए दूसरे जगह बसाया जाएगा। ताकि केंद्र सरकार से मिले अनुदान का उपभोग भी हो सके। स्थानीय शिल्पकारों को एक स्थान भी अपने कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिए उपलब्ध रहे। इसलिए निर्मित सोर्सिंग हब को बेच दिया जाए। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।
ईको हर्बल पार्क भी अब निजी हाथ में
नया मुरादाबाद योजना के सेक्टर-09 में स्थित ईको हर्बल पार्क भी निजी हाथ में देने पर बोर्ड ने मुहर लगा दी। बताया गया कि फिक्सड रेवेन्यू शेयरिंग के तहत 1.21 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से पांच साल के लिए इसे संचालन के लिए लीज पर दिया जाएगा। एमडीए की तरफ से तर्क दिया गया कि इसे लेने वाली एजेंसी अपनी आय बढ़ाने के लिए तरह-तरह के आकर्षक कार्यक्रम, आधुनिक झूले लगाएगी। जिससे मुरादाबाद एवं आस-पास के परिक्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। प्राधिकरण को भी 1.21 करोड़ का शुद्ध राजस्व बिना किसी व्यय के प्राप्त होगा। जिसका उपयोग प्राधिकरण उसके आसपास की व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर व्यय करेगा।
नामित सदस्य राजू कालरा और विकास जैन ने कहा कि हर्बल पार्क नया मुरादाबाद क्षेत्र के साथ शहर के लोगों को एक बेहतर पार्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिया गया था। निजी हाथों में जाने पर इसका भी हश्र मानसरोवर कॉलोनी के पैराडाइज जैसा हो जाएगा। इस पर वीसी ने स्पष्ट किया कि पहले की तरह ही हर्बल पार्क में प्रवेश शुल्क दस रुपये रहेगा। शहर के लोगों के लिए सर्दी के मौसम में सुबह आठ बजे तक और गर्मी में सात बजे तक टहलने जाने वाले लोगों की एंट्री फ्री रहेगी। ठेकेदार कोई नया स्थाई निर्माण नहीं करेगा। शादी, राजनीतिक पार्टियों के समारोह पर भी रोक रहेगी। यह शर्त में है। जिसके बाद बोर्ड ने उसे मंजूरी दे दी।