मुरादाबाद। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा जिलाध्यक्षों के बदलने का मामला घोसी उपचुनाव के कारण लटक गया। पार्टी के लोगों का कहना है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह में 33 नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दस जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। बदलाव के लिए केंद्र से भी हरी झंडी मिल चुकी है।
भाजपा ने जिलाध्यक्षों को बदलने के लिए सूची तैयार कर ली थी, लेकिन घोसी उपचुनाव के चलते संगठन को अपनी ताकत झोंकनी पड़ी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उपचुनाव को जीतने के लिए हर दांव लगाना शुरू कर दिया है। इधर रक्षाबंधन का त्योहार भी आ गया था। इस कारण जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की तैयार सूची रोक दी गई। नए बदलाव के मामले में प्रदेश आलाकमान को केंद्रीय नेतृत्व से भी हरी झंडी मिल चुकी है। केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव आने वाला है। इस कारण सूची जारी करने में अब देरी नहीं होनी चाहिए। सूची में बदलाव का कारण कई जिलाध्यक्ष दो वर्ष की जगह चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। कुछ जिलाध्यक्ष विधायक और एमएलसी बन चुके हैं। कुछ जिलाध्यक्षों का प्रदर्शन नगर निकाय चुनाव में ठीक नहीं रहा है।
जिलाध्यक्षों के बदलने की उम्मीद
जिलाध्यक्षों के बदलाव वाली सूची में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद सहित दस जिले शामिल हैं। इसी प्रकार काशी क्षेत्र के आठ जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। इनमें वाराणसी, गाजीपुर, मिर्जापुर, जौनपुर जिले भी शामिल हैं। पार्टी के नेताओं का मानना है कि अवध क्षेत्र के सात और ब्रज क्षेत्र के आठ जिलाध्यक्ष भी बदले जाएंगे। भाजपा प्रदेश को छह क्षेत्रों में बांटकर कार्य करती है। इनमें पश्चिम क्षेत्र, अवध क्षेत्र, ब्रज क्षेत्र, काशी क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र और गोरखपुर क्षेत्र शामिल हैं। पिछले एक साल से भाजपा जिलाध्यक्षों के बदलने की चर्चा प्रदेश अध्यक्ष कर रहे हैं। इसके पहले निकाय चुनाव के चलते यह सूची रोकी गई थी।