{“_id”:”6525b998c78bd9e2230f9d1b”,”slug”:”pasmanda-will-get-support-if-given-political-stake-moradabad-news-c-15-1-mbd1014-260601-2023-10-11″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Moradabad News: पसमांदा को राजनीतिक हिस्सेदारी देने पर मिलेगा चुनाव में सहयोग”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मुरादाबाद। ऑल इंडिया पसमांदा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी सलाउद्दीन मंसूरी ने दावा किया कि देश में मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत पसमांदा हैं। कांग्रेस की सरकार ने उनके आरक्षण समाप्त कर दिया। अब जो दल पसमांदा मुसलमान को राजनीतिक हिस्सेदारी देंगे। लोकसभा चुनाव में उसी दल का पूरा सहयोग किया जाएगा।
पसमांदा समाज के राष्टीय अध्यक्ष ने पत्रकारों को बताया कि 10 अगस्त 1950 के प्रेसिडेंशियल आर्डर के तहत पसमांदा का आरक्षण समाप्त किया था। आजाद भारत की यह एक बड़ी घटना थी। इसके बाद पसमांदा मुसलमान के हालात बद से बदतर होते गए। पसमांदा मुसलमानों में मंसूरी, अंसारी, कुरैशी, शाह, सिद्दीकी, राइनी, अल्वी, मलिक, सलमानी, लोहार, सैफई, धोबी भुर्जी आदि बिरादरी शामिल हैं। इनको धुनिया, धुना, नददाफ, बहेना, पंजारा, दुआसना, अल कासना आदि नाम से भी जाना जाता है। केंद्र और राज्य सरकारों की उपेक्षा के चलते पसमांदा समाज की 82 मुस्लिम पिछड़ी जातियों को मंडल कमीशन ने ओबीसी में शामिल नहीं किया। राजेंद्र सच्चर आयोग एवं रंगनाथ मिश्र आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है। इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए। समाज ने प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में कर्पूरी ठाकुर फार्मूला के अनुसार अन्य पिछड़े वर्ग कोटा में अति पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। पसमांदा मुस्लिम समाज पीतल दस्तकार, कारीगर और मजदूर तबके लोग हैं। वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। इनको रोजगार मिलना चाहिए। पसमांदा मुसलमानों के संरक्षण के लिए कानून बनाना चाहिए।
सरकारी उपेक्षा के कारण मुस्लिम वक्फ संपत्तियों पर माफिया का कब्जा होता जा रहा है। उसी संपत्ति को पसमांदा मुसलमानों के सहयोग पर लगाना चाहिए। मोदी सरकार बगैर भेदभाव पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को मुफ्त राशन, आवास, और शौचालय मुहैया कराई है। आने वाले लोकसभा चुनाव में जो पार्टियों पसमांदा समाज के पिछड़े पुरुष एवं महिलाओं को राजनीतिक हिस्सेदारी देंगे। उनका चुनाव में पूरा सहयोग किया जाएगा।