मुरादाबाद। करीब दो साल पहले दो करोड़ खर्च कर संवारे गए पार्कों और साइड पटरियों को उजाड़ दिया गया है। अब स्मार्ट सिटी योजना के तहत करीब दो करोड़ खर्च कर इन्हीं पार्कों और साइड पटरियों को फिर से संवारा जाएगा। जो अधिकारियों की कार्यप्रणाली और स्मार्ट सिटी पोजेक्ट की कार्ययोजना पर सवाल खड़ा करते हैं।
सिविल लाइंस क्षेत्र में कमिश्नर कार्यालय से आंबेडकर पार्क, महिला थाना से पुलिस लाइन गेट और पुलिस लाइन गेट से जिगर कॉलोनी तिराहा तक की सड़क को स्मार्ट सिटी रोड नेटवर्क योजना में शामिल किया गया है। इस मार्ग पर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के पास आंबेडकर पार्क समेत चार पार्क भी हैं। दो साल पहले ही इन पार्कों का सुंदरीकरण किया गया था। ऐसे ही पुलिस लाइन गेट से जिगर कॉलोनी पुलिस चौकी तक सड़क के दोनों ओर दो-दो मीटर साइड पटरी का निर्माण किया गया था। ग्रीन बेल्ट भी बनाई गई थी। टाइल्स बिछाई गई थी। सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने किया था। इन सभी कार्यों पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
अब यहां बिजली की अंडरग्राउंड लाइन बिछानी और नाली चौड़ी की जानी है। इसके लिए साइड पटरी उखाड़ दी गई है। पार्कों की बाउंड्री भी तोड़ दी गई है। स्मार्ट सिटी के तहत इन कार्यों पर करीब दो करोड़ खर्च होने हैं।
जब तोड़ना ही था बनाया क्यों
स्मार्ट सिटी योजना के तहत मुरादाबाद का चयन 2018 में हुआ था। करीब पांच साल से शहर को स्मार्ट बनाने का काम चल रहा है। न तो स्मार्ट सिटी योजना को ध्यान में रखकर पांच के लिए कार्ययोजना बनाई गई और न ही निर्माण कराया गया। इसमें धन की बर्बादी हुई है। यही वजह है कि दो साल पहले ही निर्माण को तोड़ा जा रहा है। ऐसे में जब तोड़ना ही था बनाया क्यों।
एक तरफ आरसीसी नाली तो दूसरी ओर ईंट का इस्तेमाल
स्मार्ट सिटी रोड नेटवर्क योजना में चयनित पुलिस लाइन गेट से जिगर कॉलोनी पुलिस चौकी तक सड़क की दोनों ओर नाली निर्माण हो रहा है। सड़क एक तरफ आरसीसी नाली बन रही है, जबकि दूसरी ओर नाली निर्माण में ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जब प्रोजेक्ट एक है तो निर्माण आरसीसी और ईंट का भेदभाव क्यों।