मुरादाबाद। पाकिस्तानी किशोरी हया (17) को मुरादाबाद का युवक निखिल शर्मा (27) मुरादाबाद ले आया। वह रविवार को शिमला से लौट रहा था तो हया उसे देहरादून स्टेशन पर मिली। उसने बताया कि उसे मुंबई अपने मामा के यहां जाना है लेकिन पासपोर्ट और रुपये चोरी हो गए हैं। किशोरी ने निखिल से मदद मांगी तो वह उसे ट्रेन में बैठाकर मुरादाबाद ले आया।
यहां सोमवार सुबह उसने अपनी मुंह बोली बहन पारुल के घर किशोरी को छोड़ा और उससे पूछताछ करने के लिए कहा। हया ने अपने नाम के अलावा पता कराची पाकिस्तान बताया। वह माता-पिता का नाम और फोन नंबर नहीं बता पाई। काफी प्रयास के बाद जब उसने कुछ नहीं बताया तो निखिल और उसकी मां शाम को किशोरी को जीआरपी थाने लेकर पहुंचे। यहां जीआरपी ने उनसे पूछा कि वह किशोरी को घर क्यों ले गए थे, उसे स्टेशन पर ही जीआरपी के हवाले करना चाहिए था। इस पर निखिल ने कहा कि वह मदद के लिए किशोरी को घर ले गया था। यदि हया फोन नंबर और माता-पिता का नाम बता देती तो फोन पर संपर्क करते। ऐसा नहीं हो सका तो वह पुलिस की मदद लेने आ गया। जीआरपी ने देर रात तक युवक के बयान दर्ज किए और किशोरी को महिला कांस्टेबल की देखरेख में रखा। इसके अलावा लोकल इंटेलीजेंस को भी सूचना दे दी गई है। एलआईयू की टीम ने भी युवती से पूछताछ की है। इसके अलावा अन्य जांच एजेंसियां भी पाकिस्तानी किशोरी की सूचना पर अलर्ट हो गईं हैं।
किशोरी के जासूस होने का शक
किशोरी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान से फ्लाइट के जरिये दिल्ली पहुंची। वहां एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उसका पासपोर्ट व एक बैग चोरी हो गया। उसे मुंबई अपने मामा के यहां जाना था लेकिन रुपये नहीं बचे थे। वहां किसी को जानती भी नहीं थी तो घबराकर देहरादून की बस में बैठ गई। वहां रेलवे स्टेशन पर उसकी मुलाकात निखिल से हुई और वह उसे मुरादाबाद ले आया। हालांकि, सवाल यह है कि किशोरी को मुंबई जाना था तो पाकिस्तान से दिल्ली एयरपोर्ट की फ्लाइट क्यों ली। इस सवाल का जवाब पुलिस व जांच एजेंसियां ढूंढ रही हैं। किशोरी के पाकिस्तानी जासूस होने की आशंका की पड़ताल भी जांच एजेंसियां कर रही हैं।
12वीं की छात्रा है हया
पाकिस्तान के कराची निवासी हया 12वीं की छात्रा है। उसने निखिल व उसके परिजनों को यह बात बताई और भारत में अपनी एक सहेली का भी जिक्र किया लेकिन वह कहां रहती है, यह नहीं बताया। भारत में उसकी सहेली कैसे बन गई यह भी उसने नहीं बताया। इसके अलावा प्रश्न यह भी है कि निखिल शिमला से लौटते समय देहरादून क्यों गया। उसका कहना है कि वह बस से देहरादून पहुंचा था, वहां से उसका ट्रेन में मुरादाबाद के लिए रिजर्वेशन था।
युवक बोला, समाज सेवी हूं इसलिए ले गया घर
निखिल ने अपना पता कटघर में ग्रीन फील्ड स्कूल के पास बताया। कहा कि उसके पिता डाक विभाग में पोस्ट मास्टर थे। उसने रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सोशल सर्विस में परास्नातक किया है। इसके बाद शिमला में एक समाज सेवी संस्था से जुड़ गया। तब से ज्यादातर समय शिमला में ही रहता है। परिवार से मिलने मुरादाबाद आता जाता रहता है।