बछरायूं(अमरोहा)। लंबे समय से बीमार चल रहे सियासी परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधायक चौधरी रिफाकत हुसैन का बृहस्पतिवार को मुरादाबाद में निधन हो गया। वह हसनपुर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके थे। वह करीब 81 साल के थे।
उनके निधन की सूचना मिलने पर कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। तमाम लोग उनके पैतृक निवास पर एकत्र हो गए। देर शाम जनाजे की नमाज के बाद उनको सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इस मौके पर सपा नेता आजम खां समेत बड़ी संख्या में लोगों ने उनको अंतिम विदाई दी। उनके पिता चौधरी लताफत हुसैन देश के प्रथम संसदीय सचिव रह चुके हैं।
परिवार का माहौल राजनैतिक होने की वजह से चौधरी रिफाकत हुसैन को भी राजनीति में रुझान बचपन से ही था। वे कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्ष 1989 में उन्होंने तत्कालीन हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दिग्गज नेता रमाशंकर कौशिक को हराकर राजनैतिक क्षेत्र में सनसनी फैला दी। 1991 में हुए विधानसभा चुनावों में उनको भाजपा के तुलाराम सैनी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद रिफाकत हुसैन ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। वर्ष 1996 में सपा ने रमाशंकर कौशिक का टिकट काटकर रिफाकत हुसैन को टिकट दिया। उन्होंने तुलाराम सैनी को हराकर वर्ष 1991 की पराजय का बदला ले लिया।
पिता के नेहरू मंत्रिमंडल में होने की वजह से उनके राजनैतिक रसूख रहे। रिफाकत हुसैन की बेटी की शादी में रक्षामंत्री पद पर रहते हुए मुलायम सिंह यादव आशीर्वाद देने के लिए गजरौला आए थे। रिफाकत हुसैन ने एक बार मुलायम सिंह यादव के सामने संभल लोकसभा से चुनाव भी लड़ा था। उनके बड़े भाई सदाकत हुसैन व भतीजा सबाहत हुसैन नगर पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं। उनके निधन की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग उनके निवास पर पहुंच गए। देर शाम उनको पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। उनके जनाजे में राजनैतिक हस्तियों समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।