मुरादाबाद। फाकिर की जान बचाने के लिए उसकी पत्नी नसीम जहां और तीनों बेटियां गुहार लगाती रहीं लेकिन उसके बेरहम भाइयों को रहम नहीं आया। शादाब, सालिम और साजिद उसे पीटते रहे। नसीम जहां सामने आई तो सालिम की पत्नी ने उसके बालों की चोटी पकड़ कर ली और खींच कर दूर ले गई।
हत्यारोपियों का गुस्सा देखकर तीनों बेटियां डर गई और अपनी जान बचाकर घर से बाहर भाग गई। लड़कियों की चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग अपने घर से बाहर निकल आए लेकिन तब तक फाकिर को मौत के घाट उतार दिया गया था।
चक्कर की मिलक की घनी आबादी में दो मंजिला मकान में फाकिर और उसके पांच भाइयों के परिवार रहते हैं। फाकिर का परिवार मकान के भूतल पर रहता है जबकि अन्य भाई ऊपरी मंजिल पर रहते हैं। फाकिर के अलावा शाकिर, सालिम और साजिद की शादी हो चुकी है जबकि शादाब और नायाब अविवाहित हैं। फाकिर दिल्ली रोड स्थित फर्म में गैस वेल्डिंग का काम करता था। शुक्रवार को जुमा की वजह से फर्म बंद होने के कारण फाकिर घर में ही मौजूद था।
शुक्रवार दोपहर फाकिर की बड़ी बेटी खैरूल निशा नहाने चली गई। इसी बीच सालिम की पत्नी ऊपरी मंजिल से आ गई और उसने खैरुल निशा को रोक दिया। इसी बात को लेकर नसीम जहां का अपनी जेठानी से विवाद हो गया। फाकिर ने दोनों को शांत कराने की कोशिश की। इसी बीच शादाब, सालिम, साजिद आ गए। गाली गलौज शुरू हो गई। नसीम जहां ने बताया कि इसी बीच उसके दो जेठ और देवर भड़क गए और बोले कि आज फाकिर, उसकी पत्नी और तीनों बेटियों को खत्म कर दो। शादाब ने लकड़ी की चौकी उठा ली और हमला शुरू कर दिया। नसीम जहां और उसकी बेटी खैरुल निशा, वानिया और फरीन ने बचाने की कोशिश की। वह चीखती चिल्लाती रही। उन्होंने गुहार लगाई। नसीम को कई बार पति को बचाने के लिए पति के सामने आ गई लेकिन आरोपी नहीं माने। सालिम की पत्नी उसके बाल पकड़कर खींच कर ले गई। तीन बेटियों को भी मारने के लिए आरोपी भागे लेकिन बेटियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। वह दरवाजे से बाहर निकल गई और उन्होंने गली में जाकर शोर मचाया। लोग अपने घर से बाहर निकल आए लेकिन तब तक आरोपियों ने पीट-पीटकर फाकिर हत्या कर दी थी।
मौका-ए-वारदात बयां कर रहा संघर्ष की दास्तान
फाकिर ने अपनी जान बचाने के लिए बहुत संघर्ष किया। वह कभी आंगन में भागा तो कभी कमरे में छिपने की कोशिश करता। लेकिन उसके भाइयों ने ठान लिया था कि वह आज उसे मौत के घाट उतार देंगे। आंगन, बरामदे और कमरे के फर्श खून से लाल हो गया। दीवारों पर ही खून के छींटें हैं। फोरेंसिक टीम ने मौके से नमूने लिए हैं। इसके अलावा फोटोग्राफी की गई है। फाकिर की पत्नी नसीम जहां ने बताया कि उसके पति ने हत्यारोपियों से कहा कि मेरी जान बख्श दो। मैं अपनी और बच्चों को लेकर कहीं दूसरी जगह चला जाऊंगा लेकिन उन्हें कोई रहम नहीं आया। मेरे पति ने अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागते रहे लेकिन आरोपियों ने उन्हें घेर लिया और हमलाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।
लोग नहीं जुटा पाए घर में घुसने की हिम्मत
फाकिर के घर जाने के लिए बेहद पतली गलियां हैं। फाकिर की बेटी चीखती चिल्लाती हुई बेटियां घर से बाहर निकल आई थीं। उन्होंने बताया था कि चाचा और ताऊ और ताई मेरे पिता और मां को पीट रहे हैं। उन्हें बचा लीजिए। लोग गेट तक तो पहुंचने लेकिन इससे आगे जाने की वह हिम्मत नहीं जुटा पाए
पहले भी की थी फाकिर की हत्या की कोशिश
फाकिर के साले रियासत ने बताया कि उसके बहनोई से उनके भाई रंजिश रखते थे। पहले भी बहनोई की हत्या की साजिश रची गई थी। फाकिर के गले पर चाकू से हमला किया गया था लेकिन परिवार के लोगों ने घर में ही बैठकर मामले में समझौता कर लिया था। इसके बाद से लगातार बहन बहनोई को परेशान किया जा रहा था। उन्हें घर से बाहर निकालने की साजिश रची जा रही थी। पहले मेरी बहन और बहनोई ऊपरी मंजिल पर रहते थे लेकिन उन्हें वहां से मारपीट कर नीचे वाले कमरे में भेज दिया था। अब यहां रह रहे थे तो यहां से भी भगाने की कोशिश कर रहे थे।