मुरादाबाद। रेलवे स्टेशन पर गुणवत्ताहीन समोसे की सप्लाई अब भी जारी है। कुछ दुकानदार लाइनपार क्षेत्र से प्लेटफार्म नंबर 5 तक वेंडरों को भेज रहे हैं। जबकि बाकी प्लेटफार्मों पर कोई वेंडर नहीं है। समोसे बनाने के लिए आलू की गुणवत्ता में अब भी कोई सुधार नहीं हुआ है। हालांकि रेलवे की शक्ति के बाद तमाम वेंडर के लाइसेंस जरूर निरस्त हो गए हैं।
शुक्रवार को बाकी प्लेटफार्मों पर सन्नाटा पसरा रहा लेकिन प्लेटफॉर्म 5 पर वेंडर अपने हाथों में समोसे की टोकरियां लिए बैठे थे। जैसे ही कोई ट्रेन आती खराब समोसे की बिक्री यात्रियों को शुरू कर दी जाती। सैंपल भरे जाने में हो रही देरी के कारण खराब माल बेचने वाले कुछ ठेकेदारों का हौसला बुलंद है। इनमें से कुछ ठेकेदार हड़ताल करने वाले वेंडर पर दबाव बना रहे हैं। खराब माल सप्लाई करने वालों के कारण ठीक ढंग से कम करने वाले ठेकेदारों की भी छवि खराब हो रही है।
ज्ञात होगी बुधवार को डेढ़ सौ से ज्यादा वेंडर ने एकजुट होकर ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोला था। उनकी मांग सिर्फ 10 में से तीन रुपये कमीशन की थी लेकिन यह पूरी नहीं हुई तो उन्होंने ठेकेदारों का खेल उजागर कर दिया। मीडिया के सामने वेंडरों ने दिखाया था कि किस तरह ठेकेदारों की दुकानों में समोसे के लिए उबाले गए आलू में कीड़े थे, यही हाल बिरयानी के लिए बनाए जा रहे चावलों का था। रेलवे की टीम ने आरपीएफ के साथ लाइन पर क्षेत्र में दुकानदारों को चेतावनी भी दी लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखा है। सीनियर डीसीएम ने रेल मुख्यालय को पत्र लिखकर स्टेशन पर बिकने वाली खाद्य सामग्री का सैंपल भरवाने की अपील की है। उम्मीद है जल्द ही सैंपल लिए जाने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।