मुरादाबाद। मंडलायुक्त सर एक वर्ष पहले एक हादसे में दिमाग की नस दबने की वजह से मैं पिछली पढ़ाई भूल गया हूं, लेकिन मैं आईपीएस बनकर अपने माता-पिता का मान बढ़ाऊंगा। इसके लिए मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं। यह आत्मविश्वास से भरी बातें हरथला कॉलोनी के पटेल नगर निवासी एक छात्र ने मंडलायुक्त से कहीं। अवसर था दांग स्कूल में दिव्यांगों के लिए बनाए गए सुगम्य पुस्तकालय के उद्घाटन का।
छात्र ने बताया कि उसके पिता पहले नौकरी करते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में नौकरी छूट गई। अब अस्थाई दुकान लगाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। परिवार में दो भाई और एक बहन है। 16 वर्षीय छात्र ने बताया कि एक वर्ष पहले मेरी तबीयतयत खराब हुई थी। उसके दो महीने बाद जब सिर में दर्द हुआ तो परिजन उपचार के लिए ले गए। डॉक्टर ने बताया कि दिमाग की नस दब गई है, इसकी वजह से पिछली पढ़ाई भूल गया, लेकिन मेरा सपना आईपीएस बनने का है। इसके लिए मैं दोबारा से कड़ी मेहनत कर रहा हूं। कमिश्नर ने भी यश का उत्साहवर्धन किया और कहा कि जब भी जरूरत होगी तो वह हर संभव मदद करेंगे।
जिला प्रशासन व बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से एक नई पहल के रूप में इस पुस्तकालय की स्थापना की गई है। सुगम्य पुस्तकालय में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रकार की पुस्तकें, लर्निंग मैटेरियल, डिजिटल सामग्री आदि उपलब्ध रहेगी। साथ ही बच्चों के मार्गदर्शन के लिए विशेष शिक्षकों की व्यवस्था भी पुस्तकालय में की गई है। आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है।
इस प्रकार के पुस्तकालय की काफी आवश्यकता थी। उन्होंने इस पुस्तकालय में शीघ्र ही अन्य सुविधाओं को संचालित कराए जाने के लिए भी कहा। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ शैफाली सिंह, जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक बुद्धप्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी शिवम गुप्ता आदि मौजूद रहे।