मुरादाबाद।
झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक में इलाज के दौरान हो चुकी मौतों के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग जाग गया है। दो दिन में दो मौतें होने के बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए निकले। डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल व उनकी टीम ने मझोला थाना क्षेत्र के चार स्थानों पर झोलाछापों के क्लीनिक पर जांच पड़ताल की और उन्हें सील किया।
दवाइयां जब्त करने के साथ इन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मझोला थाने में तहरीर दी गई है। सबसे पहले टीन डिंडौरा गांव पहुंची, जहां बृहस्पतिवार को ग्रास कटर मनोज की झोलाछाप डॉ. समीर के इलाज से मौत हो गई थी। हैवानियत की हदें पार करते हुए फर्जी डॉक्टर मरीज के शव को बाइक पर रखकर उसके घर के बाहर फेंक गया था। बाइक पर ले जाने के दौरान मृत मरीज के पैर जमीन पर घिसटते रहे, जिससे उसके पैरों के नाखून उतर गए थे। इस घटना के बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही वह क्लीनिक बंद करके भाग गया। डिप्टी सीएमओ ने बंद क्लीनिक पर ही सील लगाई।
डिप्टी सीएमओ डॉ. बेलवाल ने डिंडौरा में ही विपिन कुमार का क्लीनिक सील किया। आरोपी बी-फार्म की योग्यता पर हेल्थ केयर फार्मा नाम से क्लीनिक चला रहा था। इसके बाद गांव उत्तमपुर बहलोलपुर में मनोज कुमार का क्लीनिक सील किया गया। वह बिना डिग्री के डॉक्टर बना बैठा था और गांव के लोगों का इलाज कर रहा था। उसके पास से मिली दवाइयां और इंजेक्शन जब्त कर क्लीनिक सील कर दिया गया। इसके बाद टीम खदाना गांव में पहुंची। वहां डी-फार्मा की योग्यता रखने वाला आलमगीर डीएलएच नाम से सात बेड का क्लीनिक संचालित कर रहा था। सीएमओ कार्यालय में इस क्लीनिक का पंजीकरण नहीं है। इसे भी डिप्टी सीएमओ ने सील कर दिया।
– डिंडौरा, खदाना व उत्तमपुर बहलोलपुर में चार क्लीनिक सील किए गए हैं। ये क्लीनिक बिना पंजीकरण और बिना प्रशिक्षित डॉक्टर के संचालित हो रहे थे। संचालकों के खिलाफ मझोला थाने में मुकदमा दर्द कराने के लिए तहरीर दी गई है। – डॉ. संजीव कुमार बेलबाल, डिप्टी सीएमओ