मुरादाबाद। एमडीए की सीमा विस्तार में शामिल सभी 71 गांवों के लोगों को को फायदा तो होगा, लेकिन उसके साथ उनकी कुछ दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। ग्रामीण किसानों का अपनी भूमि पर पहले जैसा ही मालिका हक बरकरार रहेगा। वह अपनी जमीन किसी को भी बेच अथवा किसी से भी भूमि खरीद सकते हैं। प्राधिकरण का इसमें किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा, लेकिन अगर वही किसान अपनी भूमि पर मकान, दुकान, बारातघर, मॉल आदि का निर्माण कराता है तो उससे पहले उसे एमडीए से नक्शा अनिवार्य रूप से पास कराना होगा।
तैयार होगा सप्लीमेंट्री प्लान
एमडीए के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को शासकीय समिति की बैठक में पास कर दिया गया है। जल्द ही उसका गजट के रूप में प्रकाशन किया जाएगा। एमडीए इसका अलग से सप्लीमेंट्री मास्टर प्लान बनाने की अनुमति के लिए जल्द ही शासन से पैरवी शुरू करेगा। एमडीए वीसी का कहना है कि सप्लीमेंट्री मास्टर प्लान तैयार करते समय इसका ध्यान रखा जाएगा कि जो गतिविधियां जिस क्षेत्र में संचालित हो रही हैं मास्टर प्लान उसी के अनुरूप हो। जहां खाली क्षेत्र होगा वहां आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भू-उपयोग तय किया जाएगा। आवश्यकता होने पर आवासीय योजना, औद्योगिक अथवा व्यवसायिक योजना को भी विकसित किया जाएगा। सुनियोजित विकास के लिए एमडीए सड़क, नाली आदि का भी विस्तार करेगा। उसके बाद शामिल नए गांवों में एमडीए अपनी अगर कोई योजना लागू करना चाहता है तो उसकी आवश्यकता को देखते हुए भूमि अर्जन की कार्रवाई भी कर सकता है।
71 गांव की 14613 हेक्टेयर भूमि आएगी दायरे में
एमडीए के सीमा विस्तार में मुरादाबाद, संभल और अमरोहा के जो 71 गांव शामिल किए गए हैं उसकी 14613 हेक्टेयर भूमि दायरे में आएगी। इसमें कांठ तहसील के 18 गांवों की 3721.25 हेक्टेयर, मुरादाबाद सदर तहसील के 34 गांवों की 7051.06 हेक्टेयर भूमि, संभल के तीन गांव की 613.51 हेक्टेयर भूमि और अमरोहा जिले के 16 गांवों की 3227.50 हेक्टेयर भूमि इसके दायरे में आएगी।