मुरादाबाद। अपनी औलाद की तरह पालूंगी। पलकों पर बिठाकर रखूंगी। भले ही मुझे दुख झेलने पड़ जाएं, बच्ची को आंच तक नहीं आने दूंगी। मासूम मेरे घर आएगी तो उसे मां का आंचल मिल जाएगा और मेरी भी गोद भर जाएगी। इसकी मुस्कराहट से मेरा सूना आंगन भी खिल उठेेगा। बृहस्पतिवार को एक महिला बाल कल्याण समिति में बच्ची को गोद लेने पहुंची तो उसके शब्द सुनकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
मझोला थाने के सामने झाड़ियों में मिली छह माह की बच्ची के परिजन भले ही अब तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन उसे गोद लेने वालों की कतार लगी है। बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन के सदस्यों द्वारा कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही बच्ची को गोद दिए जाने की जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद महिलाएं और पुरुष लगातार पहुंच रहे हैं। तमाम लोग फोन पर ही बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया समझ रहे हैं।
बाल कल्याण समिति के सदस्य हरिमोहन गुप्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को भी दिनभर लोग कार्यालय में आते रहे और बच्ची के बारे में जानकारी लेते रहे। कई महिलाएं भी आईं। उन्होंने बताया कि उनके संतान नहीं है। वह बच्ची को गोद लेना चाहती हैं। एक महिला को जब बताया गया कि बच्ची रामपुर शिशु सदन भेज दी गई है तो वह फूट-फूटकर रोने लगी।
महिला ने बताया कि उसके कोई संतान नहीं है। जब से बच्ची मिलने की जानकारी मिली थी, तभी से वह बेचैन थी। जाग कर रात गुजारी और सुबह होने का इंतजार किया। यहां आकर पता चला कि बच्ची चली गई तो बहुत दुख हुआ है। महिला को जब गोद लेने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई तब वह अपने घर चली गई। अन्य महिलाएं भी बच्ची को गोद लेने के लिए पहुंचीं और निराश होकर लौट गईं।
पुलिस ने खंगाली फुटेज, मासूम को झाड़ियों में फेंकने वालों का नहीं लगा सुराग
मझोला थाने के सामने झाड़ियों में बच्ची को फेंकने वालों की तलाश में जुटी पुलिस ने बृहस्पतिवार को निजी अस्पताल और स्कूल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। मझोला थाने के सामने डीपीएस स्कूल को जाने वाली सड़क के किनारे झाड़ियों में छह माह की एक बच्ची रोते हुए मिली थी। एक व्यक्ति की सूचना पर पहुंची पुलिस बच्ची को उठाकर थाने ले गई थी। इसके बाद सूचना देकर चाइल्ड लाइन की टीम बुला ली गई थी। बुधवार को बच्ची का मेडिकल कराने के बाद उसे रामपुर के शिशु सदन भेज दिया गया था। अब तक बच्ची के परिजन भी नहीं मिले हैं। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि बृहस्पतिवार को एक स्कूल, एक अस्पताल के अलावा कई भवनों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। बच्ची को फेंकने वालों के बारे में अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है। बच्ची की पहचान कराने के लिए दूसरे जनपदों में भी बच्ची की तस्वीरें भेजी गई हैं।