मुरादाबाद। परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील की खराब गुणवत्ता को कमिश्नर ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बुधवार को मंडल स्तरीय अधिकारियों की टीमों का गठन कर विद्यालयों और खाना बनाने वाले एजेंसियों की जांच करवाई। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि मिड डे मील की गुणवत्ता खराब करने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी। दूध के सैंपल की रिपोर्ट लखनऊ से आएगी।
सभी छह टीमों में अधिकारियों के साथ मंडल स्तरीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी साथ थे। टीमों ने सुबह साढ़े नौ बजे से जांच शुरू कर दी थी। प्राथमिक विद्यालय भोजपुर धर्मपुर की जांच उप निदेशक पंचायत एसके सिंह ने की। यहां पर खाना ठीक पाया गया और तहरी व दूध का सैंपल भेज दिया है। प्राइमरी पाठशाला जयंतीपुर की जांच एडीएम प्रशासन गुलाब सिंह ने की। उन्हें यहां पर अनियमितता मिली है। स्टोर में साफ-सफाई नहीं मिली। दूध पतला लग रहा था, इसलिए दूध का सैंपल लिया गया है। संस्था मनभाव कल्याण समिति की जांच उप निदेशक समाज कल्याण एसके राय ने की। यहां पर सफाई अच्छी मिली है। दूध का सैंपल ले लिया है। प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट अगवानपुर की जांच की। यहां पर दूध की गुणवत्ता खराब मिली है। विद्यालय में मिड डे मील के वितरण में छात्र संख्या अधिक दर्शायी थी, जबकि वितरण कम विद्यार्थियों को किया गया। कंपोजिट विद्यालय कुंदरकी में उपायुक्त खाद्य ओम प्रकाश ने जांच की।
मीनू के अनुसार 17 जुलाई को रोटी, सब्जी के साथ फल देने थे, लेकिन विद्यार्थियों को फल नहीं दिए गए। संस्था ग्रामीण विकास सेवा संस्थान जनपद अलीगढ़ ने वितरण किया। भोजन बनाने की जगह साफ-सफाई नहीं थी। मिड डे मील वितरण में भी पांच छात्रों का अंतर था। दूध की गुणवत्ता खराब थी। यहां से भी सैंपल लिया गया है। प्राइमरी विद्यालय भोजपुर की उप निदेशक महिला कल्याण राजेश चंद्र गुप्त ने जांच की। तहरी में सोयाबीन भी डालना था, उसकी मात्रा न के बराबर पाई गई है। दूध भी पर्याप्त नहीं था। तहरी और दूध की गुणवत्ता खराब मिली है। सुपर सिटी पब्लिक स्कूल समाथल की सहायक आयुक्त खाद्य अशोक कुमार सिंह ने जांच की। यहां पर दूध का वितरण नहीं हुआ है।