मुरादाबाद। आवास विकास परिषद के सेक्टर-16 में पीएम आवास योजना के तहत बने मकानों के बाहर बारिश का पानी भर गया। इस पानी में करंट मौत बनकर दौड़ा और तीन गोवंशीय पशुओं की जान ले ली। वहां मासूम बच्चे भी घरों के बाहर खेल रहे थे, गनीमत रही कि उन पर आंच नहीं आई। मौके पर पहुंचे विद्युत कर्मियों ने सभी 288 फ्लैट्स की बिजली आपूर्ति रोकी, जिससे कोई और घटना न हो।
जब तक बरसात का पानी नहीं निकल जाता, तब तक लोगों को अपनी व अपने बच्चों की जान बचाने के लिए बिना बिजली रहना पड़ेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने इन आवासों के बाहर नालियां तो हैं लेकिन निकासी की व्यवस्था नहीं है। हाई मास्ट स्ट्रीट लाइटों के विद्युत कनेक्शन के प्वाइंट खुले छोड़ दिए गए हैं। आवास विकास के अधिकारियों की इस लापरवाही से लोगों की जान पर बन आई है। लोगों का कहना है कि अभी तो जानवर मरे हैं..विभाग को और किसके मरने का इंतजार है।
यहां मंगलवार तड़के हुई बारिश से पानी भर गया। स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन प्वाइंट खुले होने के कारण 288 आवासों वाले परिसर में करंट दौड़ गया। इससे मंगलवार सुबह को दो गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई, जबकि एक गाय पहले मर चुकी है। घटना के बाद लोगों ने आवास विकास परिषद के अधिकारियों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि फ्लैटों में 35 परिवार रहते हैं। बच्चे घरों के बाहर खेलते रहते हैं, लोगों की आवाजाही लगी रहती है। परिषद की लापरवाही के कारण किसी की जान जा सकती है। उन्होंने पानी निकासी की व्यवस्था व स्ट्रीट लाइटों के खुले प्वाइंट बंद कराने की मांग की। जल्द ऐसा न होने पर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने और फ्लैट छोड़कर जाने की चेतावनी दी। फिलहाल विद्युत निगम ने क्षेत्र की विद्युत सप्लाई रोक दी है, जिससे कोई घटना न हो। पानी निकलने तक लोगों को मजबूरन गर्मी में बिना बिजली रहना पड़ेगा।
गाजियाबाद, लखनऊ को पत्र लिखकर कर ली इतिश्री
बड़ी घटना के बाद भी आवास विकास के अधिकारियों ने गाजियाबाद व लखनऊ कार्यालय को पत्र भेजकर इतिश्री कर ली। अधिकारियों का कहना है कि गाजियाबाद से इंजीनियर आकर पीएम आवास योजना के तहत बने मकानों से पानी निकासी के लिए नया नक्शा बनाएंगे। इसके आधार पर परिसर को ऊंचा करके नया नाला बनाया जाएगा। जबकि स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन प्वाइंट ठीक करने के लिए लखनऊ से टीएम आएगी। यहां के जिम्मेदारों ने फिलहाल अपना पल्ला झाड़ लिया है।
साढ़े छह लाख रुपये में दिया गया था एक फ्लैट
पीएम आवास योजना के तहत इन फ्लैट्स की प्लानिंग 2018 में पूरी हो गई थी। 2020 तक ये फ्लैट्स लोगों को सौंपे जाने थे लेकिन काम में देरी होने से 2022 में चाबी सौंपी गई। पहले एक फ्लैट की कीमत साढ़े चार लाख रुपये तय की गई थी। इसके बाद दो लाख रुपये बढ़ा दिए गए। मैटेरियल व लागत मूल्य अधिक होने के कारण यह निर्णय लिया गया। इस योजना पर सरकार के 14.69 करोड़ रुपये खर्च हुए। आवास विकास की अनदेखी से लोग फ्लैट छोड़ने को मजबूर हैं।