मुरादाबाद। मझोला क्षेत्र में कॉल सेंटर की आड़ में लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह की दो युवतियां गिरफ्तार की गई हैं। दोनों लोगों को कॉल कर उन्हें जाल में फंसाकर खातों की डिटेल पूछ लेती थीं। इस गिरोह का सरगना और मामा भांजे समेत चार आरोपी फरार हैं। जिसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। पुलिस ने कॉल सेंटर से मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य सामान बरामद किया है।
एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया ने मंगलवार दोपहर पुलिस लाइन में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मझोला क्षेत्र में पुतलीघर तिराहे के पास राज फैशन शॉप की ऊपरी मंजिल पर फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। यहां लोगों को कॉल कर उन्हें लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी की जाती है। मंगलवार सुबह पुलिस टीम ने यहां छापा मार दिया। टीम को दो युवतियां मिलीं। पूछताछ करने पर उन्होंने अपने नाम नूरी परवीन पुत्री इश्तियाक हुसैन निवासी मुगलपुरा प्रथम थाना मुगलपुरा बताया, जबकि दूसरी युवती ने अपना नाम संगीता पुत्री सपन कुमार बताया। संगीता मझोला के मिलन विहार निवासी है। पुलिस ने मौके से 11 मोबाइल, एक लैपटॉप, ग्राहकों के मोबाइल नंबरों की सूची, कई बैंकों की पासबुक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में युवतियों ने बताया कि इस गिरोह को सिविल लाइंस के पटेल नगर रेलवे हरथला कॉलोनी निवासी योगेश चला रहा था। गिरोह में रामपुर के स्वार थाना क्षेत्र के कुंदरी निवासी रवि कुमार, ठाकुरद्वारा के नन्हूवाला निवासी कावेंद्र और उसका भांजा नमन भी शामिल है। नमन ठाकुरद्वारा के लालूवाला गांव निवासी हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को ऑनलाइन लोन कराने का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसाती थीं। इसके बाद ऑनलाइन औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर उनके खातों की डिटेल पूछकर साइबर ठगी की घटनाएं की जाती थीं। सीओ अर्पित कपूर ने बताया कि गिरफ्तार युवतियों को मंगलवार शाम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। गिरोह के सरगना और अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
लोन कराने के लिए सहमत लोगों की कॉल सीनियर को की जाती थी ट्रांसफर
युवतियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि लोग लोन लेने के लिए सहमत हो जाते थे। उनकी कॉल सीनियर को ट्रांसफर की जाती थी। इसके बाद योगेश और रवि कुमार लोगों से बातचीत करते थे। उन्हें तरह तरह के ऑफर दिए जाते थे। लोगों से फाइल चार्ज के नाम पर रकम ट्रांसफर करा लेते थे। इसके अलावा कुछ लोगों की खाते की डिटेल पूछकर उनके खाते ही खाली कर देते थे।
इस तरह डाटा प्राप्त करते थे आरोपी
सोसाइटी, कॉलोनी, माल व शॉपिंग काम्पलेक्स में प्रयोग होने वाले रजिस्टर एप के माध्यम से डाटा प्राप्त करते थे। कावेंद्र और नमन लोगों के मोबाइल नंबर जुटाकर योगेश को देते थे। इसके बाद योगेश नूरी और संगीता से कॉल कराता था। इसके अलावा सोशल साइट फेसबुक, इंस्टाग्राम व ओएलएक्स पर सस्ते लोन का विज्ञापन चलाते थे। झांसे में आए लोगों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करते थे।
मुरादाबाद में बैठकर दूसरे राज्यों के लोगों को ठग रहे थे आरोपी
पुलिस की गिरफ्त में आई युवतियों ने पूछताछ में बताया कि वह अधिकांश दूसरे शहर और राज्यों के लोगों से संपर्क करते थे। उन्हें बताते थे कि ऑनलाइन ही आपका लोन कंफर्म हो जाएगा। किसी भी बैंक में जाने की जरूर नहीं पकड़ी। योगेश ने छह माह पहले ही कॉल सेंटर खोलने के लिए पुतली घर रोड पर एक भवन किराये पर लिया था। इसके बाद संगीता और नूरी को कॉल करने के लिए नौकरी पर रखा था। पिछले छह में पांच सौ से ज्यादा लोगों से आरोपी ठगी कर चुके हैं।