मुरादाबाद। हमारे पूर्वजों ने पशु पक्षियों की रखवाली के लिए धार्मिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना है। वर्तमान समय में विकास के साथ वन्य जीवों के विचरण के लिए काफी जंगली क्षेत्र घट गए हैं। इस कारण वन्य जीव शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं।
वन्य जीव सप्ताह कार्यक्रम के तहत पर्यावरण, इकोलॉजिकल उत्थान समिति, मुरादाबाद द्वारा हिंदू डिग्री कॉलेज मुरादाबाद लाइब्रेरी हाल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने वन्य जीवों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पुराणों में कहा गया है कि देवी देवताओं के वाहन पशु पक्षी हुआ करते थे। हजारों वर्ष पहले वन्य जीवों को हमारे धर्म से जोड़ा गया है। देवी देवताओं के पूजा के साथ-साथ उनकी भी पूजा की जाती है। प्राचार्य प्रोफेसर सत्यव्रत सिंह रावत रावत ने कहा कि कोई भी जंगली जानवर तब तक हिंसक नहीं होता, जब तक उसे अपने आप के लिए खतरा महसूस न हो। समाज में हो रहा विकास आत्मघाती है।
उन्होंने सभी लोगों को पर्यावरण वन्य जीवों के संरक्षण का शपथ दिलाई। पीयूष रेखा बिष्ट ने कहा कि हमारी एक फूडचेन है। जिसकी एक कड़ी भी टूट गई तो पूरा इकोलॉजिकल सिस्टम का संतुलन बिगड़ जाएगा। मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर विशेष गुप्ता ने कहा कि मनुष्य जिस प्रकार प्रकृति और जंगलों का विनाश कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण विशेषज्ञ राम सिंह बिष्ट ने किया। सेमिनार में देवेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रो. अनामिका त्रिपाठी, प्रो. जावेद, मुकुल अग्रवाल,चंदन मेहरा आदि ने अपने-अपने विचार रखे। संगोष्ठी में हरी बल्लभ देवरानी, पियूष रामशरण, तेजपाल सिंह, मंजू गर्ग, डॉ. जेके पाठक, प्रो. एमपी चौहान मौजूद रहे।