मुरादाबाद।
परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने मिड डे मील में घटिया गुणवत्ता का खाना मिलने का आरोप लगाया। विद्यार्थी बोले खिचड़ी में नमक-मिर्च ही नहीं थी, जबकि दूध में पानी बहुत ज्यादा था। एकदम पानी जैसा दूध पीया नहीं जाता है। ज्यादातर समय ऐसा ही खाना मिलने की वजह से वह अपने घरों से खाना लाते हैं। कमिश्नर ने भी परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील की जांच करवाई, जहां दूध की गुणवत्ता अच्छी नहीं मिली।
चित्रगुप्त इंटर कॉलेज : विद्यार्थियों ने बताया कि खिचड़ी फीकी थी। उसमें नमक-मिर्च नहीं थी और खाते समय रेतीली लग रही थी। दूध ज्यादा पानी वाला होने की वजह से पीने लायक ही नहीं था। प्रधानाचार्य वीर सिंह ने बताया कि दूध हमेशा पतला ही आता है। एनजीओ को शिकायत करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं करते। पीले चावल आते हैं। रोटी खराब होती है तो उसे हटा देते हैं।
प्राथमिक विद्यालय मानपुर : विद्यार्थियों ने कहा कि तहरी खा ली थी, लेकिन दूध में बहुत ज्यादा पानी था। दूध होने की वजह से पी लेते हैं। प्रधान अध्यापिका आयशा नूर ने बताया कि बीच में केले भी कच्चे आए थे तो उसकी भी शिकायत की थी। अब केले तो ठीक आने लगे। बुधवार को दूध पतला आया था। खाना लाने वालों से इसकी शिकायत की है।
प्राथमिक विद्यालय कटरा पूरनजाट : विद्यार्थियों ने बताया कि दूध में पानी की ज्यादा मिलावट थी। यह पीने में अच्छा नहीं लग रहा था। तहरी भी खाने में अजीब सी लग रही थी। कई बार खाना खराब आता है। दूध तो ज्यादातर समय ही खराब आता है।
– सात परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील की जांच करवाई थी। चावल तो पोषक तत्व वाले ही थे, लेकिन दूध में पानी की मात्रा ज्यादा थी। इस संबंध में एडी बेसिक से वार्ता की है। इसमें दूध के लिए निर्धारित कीमत कम होने की बात सामने आई है। इसके विकल्प की योजना बनाई जाएगी। – आंजनेय कुमार सिंह,
कमिश्नर।