Moradabad News: शादी में डबलबेड नहीं मिलने पर साले की हत्या करने वाले बहनोई को आजीवन कारावास

Moradabad News: शादी में डबलबेड नहीं मिलने पर साले की हत्या करने वाले बहनोई को आजीवन कारावास


मुरादाबाद। शादी में डबल बेड नहीं मिलने पर साले की हत्या करने वाले बहनोई को अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सबूतों के अभाव में दूसरे आरोपी को बरी कर दिया गया।

भगतपुर थाना क्षेत्र के बरखेड़ा चक निवासी प्रीतम सिंह ने 24 अक्तूबर 2015 को भगतपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया कि उसका छोटा भाई नरेश उर्फ गुड्डू 22 अक्तूबर से लापता है। काफी तलाश करने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस ने नरेश की खोजबीन शुरू की। तब पता चला कि नरेश उर्फ गुड्डू की बहन रेखा की शादी भोजपुर के देवीपुरा का मझरा निवासी मनोज के साथ हुई थी। नरेश और उसके बहनोई मनोज के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। पुलिस ने शक के आधार पर बहनोई मनोज कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शुरुआत में उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने राज उगल दिया।

आरोपी ने बताया कि उसकी शादी में डबलबेड नहीं दिया गया था। इससे उसकी गांव में बहुत बदनामी हुई थी। जिसे लेकर नरेश उर्फ गुड्डू से विवाद हुआ था। इसके बाद शादी कराने वाले बिचौलिया ने डबलबेड दे दिया लेकिन कुछ दिन बाद बिचौलिया भी अपना डबल बेड लेकर चला गया था। मनोज ने इस बात की शिकायत नरेश उर्फ गुड्डू से की थी। तब नरेश ने उसे बुरा भला कह दिया था। दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद से वह अपने साले की हत्या की प्लानिंग कर रहा था। आरोपी बहाने से अपने साले नरेश को बिजनौर के फतेहपुर छम्मन वाला निवासी अपने दोस्त मदन से मिलाने ले गया था। वहां बिजनौर के रेहड़ थाना क्षेत्र में मनोज ने नरेश उर्फ गुड्डू की गोली मारकर हत्या कर लाश नदी में फेंक दी थी। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लाश बरामद की थी। पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार और मदन को जेल भेज दिया गया था।

इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या -11 मोहित शर्मा की अदालत में की गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मधु रानी चौहान ने अदालत में सरकार की ओर से पक्ष रख। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर मनोज कुमार को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है जबकि उसके साथी के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत न होने के कारण उसे बरी कर दिया।



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