मुरादाबाद। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जनपदीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता पारकर इंटर कॉलेज में चल रही है। शुक्रवार को विभाग की बदइंतजामी का खामियाजा कक्षा 11 के एक एथलीट को भुगतना पड़ा। किसान इंटर कॉलेज का छात्र मलकीत सिंह दौड़ते समय गिरा और बेहोश गया। मौके पर न एंबुलेंस थी और प्राथमिक उपचार।
नियमानुसार ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से एंबुलेंस व चिकित्सक की व्यवस्था की जाती है। ये सुविधाएं न होने के कारण छात्र को बेहोशी की हालत में एक पेड़ के नीचे लेटाना पड़ा। वहां किसान इंटर कॉलेज की महिला शिक्षक कपड़े से उसकी हवा करती रहीं लेकिन एथलीट को होश नहीं आया। विभाग की यह लापरवाही तब है जबकि इस प्रतियोगिता में जनपद के लगभग 50 विद्यालयों के एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं।
जब आधे घंटे तक छात्र को होश नहीं आया तो प्रतियोगिता के संयोजक आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हिमांशु यादव उसे कार से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां छात्र का ईसीजी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि जांचें की गईं। डॉक्टर ने छात्र को दवा दी, तब उसे होश आया। डीआईओएस ने अस्पताल पहुंचकर बच्चे का हाल जाना और उसके माता-पिता को कुशलता की जानकारी दी। अन्य खिलाड़ियों व शिक्षकों के बीच चर्चा थी कि यदि मौके पर एंबुलेंस होती यह स्थिति न होती। प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे कुछ खिलाड़ियों ने खाने की गुणवत्ता खराब होने की भी शिकायत की। उन्होंने बताया कि खाने का इंतजाम विभाग की ओर से नहीं है। इसके लिए हर बच्चे को तीस रुपये देने पड़ते हैं।
प्रतियोगिता से पहले सीएमओ कार्यालय से नहीं मांगी गई एंबुलेंस
डीआईओएस डॉ. अरुण दुबे का दावा है कि आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सीमओ कार्यालय में छह अक्तूबर को पत्र लेकर पहुंचे थे। उन्होंने प्रतियोगिता के दौरान एंबुलेंस व चिकित्सकों की मांग की थी। जबकि सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह के मुताबिक उनके कार्यालय में ऐसा कोई पत्र नहीं आया। सीएमओ ने कहा कि पुलिस लाइन में एथलेटिक्स प्रतियोगिता के लिए हमसे एंबुलेंस व डॉक्टर मांगे गए, वहां व्यवस्था की गई। शिक्षा विभाग यदि एंबुलेंस मांगता तो जरूर दी जाती। उन्होंने बताया कि शुक्रवार दोपहर 330 बजे डीआईओएस ने फोन पर एंबुलेंस की मांग की है। शनिवार सुबह 830 बजे एंबुलेंस पारकर इंटर कॉलेज पहुंच जाएगी।
108 एंबुलेंस को पहुंचे में लगे 45 मिनट
किसान इंटर कॉलेज के शिक्षक ने बताया कि छात्र के बेहोश होने पर उन्होंने 108 पर कॉल किया। काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई तो छात्र को कार से जिला अस्पताल ले जाया गया। सारी जांचें होने व दवा से छात्र के होश में आने के बाद एंबुलेंस चालक का फोन आया कि हम पहुंच गए हैं। तब तक 45 मिनट बीत गए थे। उन्होंने कहा कि यदि 15 मिनट में एंबुलेंस आ जाती तो जल्दी अस्पताल पहुंच जाते। जांच करने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मलकीत को गैस की दिक्कत हुई थी, जिसके कारण उसे चक्कर आ गए।
– प्रतियोगिता के संयोजक ने सीएमओ कार्यालय में पत्र दिया था लेकिन हमें एंबुलेंस नहीं मिली। अब हमारी सीएमओ से बात हुई है। उन्होंने सुबह एंबुलेंस पहुंचाने का आश्वासन दिया है। –डॉ. अरुण दुबे, डीआईओएस
– शुक्रवार दोपहर डीआईओएस का फोन आया और उन्होंने एंबुलेंस की मांग की। इससे पहले उनकी ओर से हमारे पास कोई पत्र नहीं आया। कल पारकर इंटर कॉलेज में एंबुलेंस पहुंच जाएगी। – डॉ. कुलदीप सिंह, सीएमओ