मुरादाबाद। मोहर्रम के मौके पर शहर के विभिन्न स्थानों पर ताजियों के निर्माण के साथ जिक्रे शहीदाने कर्बला का दौर भी शुरू हो गया है। शहर की लाल मस्जिद में चल रहे 10 दिनी जिक्रे शहीदाने कर्बला के तीसरे दिन मुफ्ती मोहम्मद दानिश कादरी ने मुस्लिमों से सहाबा और अहलेबैत की जिंदगी पर रोशनी डाली और उनके बताए रास्ते पर चलने की अपील की।
शनिवार रात आयोजित इस जिक्रे शहीदाने कर्बला को खिताब करते हुए मुफ्ती दानिश कादरी ने कहा कि कुराने पाक में अल्लाह पाक ने इरशाद फरमाया कि सहाबा की वो जमात है जिनसे अल्लाह राजी है, और यह अल्लाह से राजी हैं। दीन इस्लाम को फैलाने में, सच्चाई का झंडा बुलंद करने में सहाबा इकराम ने अपना अहम किरदार अदा किया है। सहाबा इकराम की पूरी जिंदगी नबी पाक सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के बताए रास्ते पर चलने में गुजरी है। दुनिया के कोने-कोने तक सहाबा इकराम ने अपने किरदार से इस्लाम का प्रचार व प्रसार किया। लोगों को भाईचारे का, अमन का, मोहब्बत का पैगाम दिया।
उन्होंने कहा कि अल्लाह के नबी ने इरशाद फरमाया कि मेरे सहाबा की मिसाल सितारों की है। इनमें से किसी एक की भी पैरवी कर लो निजात पा जाओगे। सहाबा इकराम और अहलेबैत के बीच इंतहा दर्जे की मोहब्बत थी। सहाबा व अहलेबैत एक दूसरे का एहतराम करते थे। एक दूसरे की मदद किया करते थे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जरूरत है कि वह अपने बच्चों को सहाबा इकराम, अहलेबैत की दास्तान सुनाएं और उन्हें बताएं कि इन लोगों ने अपनी जिंदगी को नबी पाक सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के बताए हुए रास्ते पर किस तरह से चलाया है। जिंदगी को हुजूर की सुन्नतों के मुताबिक गुजारा है। इस मौके पर शुजात अशरफी, मुनव्वर अक्रमी, अली साद, हाफिज फाजिल, रईस अहमद, इमरान आदि मौजूद रहे।