मुरादाबाद। साइबर ठगी के शिकार लोगों को साइबर अपराधी दोबारा ठग रहे हैं। उन्हें कॉल कर बताते हैं कि वह साइबर सेल और साइबर अपराध थाने से बोल रहे हैं। आपकी शिकायत मिली थी। जिस पर हमारी टीम ने काम किया था। अब आपकी रकम वापस कराने के लिए नए खाते की जरूरत पड़ेगी। पीड़ित झांसे में आकर अपने परिजन या रिश्तेदार का खाता नंबर बता देते हैं तो उनके खाते से भी रकम गायब हो रही है। मुरादाबाद में ही इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
मझोला के लाइन पार निवासी विजय कुमार ने ऑन लाइन मोबाइल रिचार्ज किया था। उसके खाते से रकम कट गई थी लेकिन रिचार्ज नहीं हो पाया था। तब उसने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर लेकर कॉल की थी। तब साइबर ठग ने उससे गूगल पे का नंबर और पासवर्ड पूछ कर 11 हजार रुपये उसके खाते से किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत साइबर हेल्प नंबर पर की थी। तब बारह घंटे बाद उसके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि आपकी शिकायत मिली है।
आपके खाते से 11 हजार रुपये साइबर अपराधी निकाल लिए हैं। ये रकम आपके खाते में वापस कर ली है लेकिन आपके खाते में रकम नहीं भेजी जा सकती है। 24 घंटे के लिए आपका खाता बंद किया गया है। तब उसने अपनी पत्नी का खाता नंबर और डेबिट कार्ड बना दिया था। इसके विजय की पत्नी के खाते से भी 20 हजार ट्रांसफर कर लिए गए थे। इस तरह भोजपुर क्षेत्र में रहने वाली एक युवती के खाते भी साइबर ने 25 हजार रुपये किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए थे।
आरोपी ठग ने युवती को रिश्तेदार बताकर कॉल की थी और रुपये भेजने का झांसा देकर यूपीआई नंबर पूछ लिया था। खाते से रकम निकली तो पीड़िता ने साइबर सेल में शिकायत की थी। तीन दिन बाद पीडि़ता के नंबर पर एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले बताया था कि वह क्राइम ब्रांच दिल्ली से बोल रहा है। आपके खाते से जो रकम निकली है। उसे वापस भेजने के लिए नए खाता नंबर चाहिए। पीड़िता ने अपने पिता का खाता नंबर बता दिया था। उनके खाते से भी दस हजार रुपये निकल गए थे।