मुरादाबाद। कई दिनों से लगातार हो रही बारिश, रद्द ट्रेनों और सावन माह में मेरठ- हरिद्वार रूट डायवर्जन के चक्कर में बिहार, बंगाल व पूरब के सैकड़ों यात्री दो दिन से सफर में ही फंसे हुए हैं। ट्रेनें रद्द हैं, बसें उस रूट पर न के बराबर चल रही हैं।
मंगलवार दिनभर ऐसे यात्री मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से लेकर रोडवेज तक भटकते रहे जिनको मेरठ-हरिद्वार की ओर जाना है। यह यात्री दो दिनों से सफर में हैं, लेकिन मंजिल आधे रास्ते में मुरादाबाद में आकर रुक गई है। यात्रियों में बच्चे, बूढ़े व महिला सभी हैं, यह लोग रोजगार के लिए बिहार व बंगाल से अंबाला, चंडीगढ़ व जालंधर की ओर जा रहे हैं। रूट डायवर्जन 17 जुलाई तक रहेगा।
अमर उजाला से बातचीत में यात्रियों ने आपबीती सुनाई……
जािहर आलम ने बताया कि मैं बिहार के मोतीहारी जिले का रहने वाला हूं। मैं अपनी पत्नी, दो छोटी बच्ची और छोटी बहन के साथ कल सोमवार सुबह पांच बजे से जालंधर लिए निकला हुआ हूं। मैं मंगलवार सुबह 9 बजे करीब बरेली पहुंचा, वहां से बस से मुरादाबाद आया गया। मुरादाबाद रोडवेज पर दिनभर हरिद्वार की बस नहीं मिल पाई, न ही ट्रेन मिल पा रही है। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि परिवार को कैसे लेकर जाऊं।
मोहन राम ने बताया कि मुझे अंबाला जाना है। मैं वहां राजमिस्त्री का काम करता हूं। मेरा परिवार वहीं मेरे साथ रहता है, मैं अपने घर मिथ्या (बिहार) पारिवार में गमीं होने के कारण गया था। आज मुझे हर हालत में वहां पहुंचना था लेकिन पता नहीं मैं कब तक पहुंच पाऊंगा।
जुबेर ने बताया कि मैं पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर का रहने वाला है और हरिद्वार में कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करता है। परिवार से मिलने घर गया हुआ था। मुरादाबाद में 4 घंटे से फंसा हुआ है और न बस मिल रही है न् ट्रेन। पैसे भी धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं।
राजू ने बताया कि मैं बलिया गया था अपने परिवार को अपने साथ अंबाला ले जाने के लिए। मैं वहां दो साल से टिक्की गोलगप्पे का ठेला लगाता हूं। कल से पत्नी और दो बच्चों को लेकर सफर में हूं। मेरे बच्चे छोटे हैं, परेशान हो रहे हैं। यहां से आगे जाने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है।