मुरादाबाद।
सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव शुक्रवार को रिंग रोड का जायजा लेने के धन्नूपुरा पहुंचीं। उन्होंने रिंग रोड पर कब्जा की गई जमीनों के बारे में जानकारी ली।
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि वह शुक्रवार की दोपहर रिंग रोड का जायजा लेने के लिए धनुपुरा और पल्लूपुरा घोसी तक गई थीं। इस मामले में उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की। पता चला कि मुआवजा लेने के बाद कुछ लोगों ने खेतों में धान और गन्ने की फसलें उगाईं हैं।
रिंग रोड में 36 गांवों की जमीनें आ रही हैं। इनमें 34 गांवों की जमीनों का मूल्यांकन (अवार्ड) हो चुका है। करीब 50 प्रतिशत लोग मुआवजा ले चुके हैं। अभी 230 करोड़ का मुआवजा बांटना बाकी है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिन गांवों की जमीनें अवार्ड हो गई हैं, वे जमीनें सरकार के अधीन मानी जाएगी। इस मामले में कब्जा लेने के लिए जिला प्रशासन को नोटिस देने की जरूरत नहीं होगी। किसानों से अनुरोध किया जाएगा कि वे रिंग रोड की जमीनें छोड़े दें और बकाया मुआवजे की राशि को ग्रहण करें ताकि रोड का काम शीघ्र कराया जा सके। किसानों से भी बातचीत कर उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने रिंग रोड को बनाने के लिए डेढ़ साल की तिथि निर्धारित की है। रोड 2024 तक निर्माण करने का लक्ष्य है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि देर होने पर रिंग रोड निर्माण की कीमत भी बढ़ेगी।