मुरादाबाद। वकीलों की हड़ताल के कारण वादकारी अदालत से खाली हाथ लौट रहे हैं। न तो मुकदमे की सुनवाई हो पा रही हैं और न ही किसी भी मामले में गवाही। इतना ही नहीं हड़ताल का सीधा असर रजिस्ट्री कार्यालय पर भी पड़ रहा है। सोमवार से अब तक करीब चार करोड़ से अधिक के राजस्व की हानि सरकार को हो चुकी है।
हापुड़ घटना को लेकर वकील हड़ताल पर हैं। न तो वकील अदालत में गए और न ही किसी अन्य प्रकार का कोई न्यायिक काम हो रहा। अदालतों में जहां सुबह से ही भीड़ भाड़ दिखाई देती थी वहां अब सन्नाटा दिख रहा है। वकीलों की हड़ताल के कारण मुकदमों में सुनवाई तो छोड़िए किसी भी मामले में गवाही भी नहीं हो पा रही है। जिन मामलों में अंतिम बहस होनी थी, उनमें भी तारीखों से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है। वादकारी अपने मुकदमे की तारीख लेकर घर लौटने को मजबूर हैं। यह स्थिति न केवल जिला मुख्यालय की है बल्कि आसपास के बाह्य न्यायालयों में भी कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है। रजिस्ट्री ऑफिस में हड़ताल का सीधा असर है।
यहां सुबह से ही लोग बैनामे और अन्य संबंधित कागजातों के लिए रजिस्ट्री के लिए आते हैं। यहां स्टांप खरीदकर उसे रजिस्टर्ड करते हैं लेकिन सोमवार से यहां भी रजिस्ट्री का काम ठप पड़ा है। इस हड़ताल में वकीलों का साथ कातिब भी पूरी तरह से दे रहे हैं। रजिस्ट्री करने वाले अधिवक्ता मुकेश कुमार ने बताया कि रजिस्ट्री ऑफिस में किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया जा रहा है। जिससे सरकार को काफी नुकसान हो रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार को हर रोज रजिस्ट्री कार्यालय से करीब एक करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। जिसमें स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क भी शामिल हैं। इस हिसाब से अब तक करीब चार करोड़ से अधिक का नुकसान राजस्व विभाग को वकीलों की हड़ताल के कारण हो चुका है।