मूंढापांडे। हरपाल नगर में एक सप्ताह से कोसी नदी के बाढ़ के चलते कटान जारी है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां राहत और बचाव के लिए बाढ़ खंड की टीम नहीं पहुंची। ग्रामीणों ने खुद बचाव के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
बाढ़ खंड की टीम ने ग्रामीणों की मदद से कोसी नदी में पेड़ और बालू से भरे कट्टे लगाकर शुक्रवार को कटान रोकने में सफलता पाई थी। इसके बाद कर्मचारी गांंव से वापस चले गए। शनिवार को फिर जलस्तर बढ़ जाने से नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। पहले बचाव के लिए किए गए कार्य धराशायी हो गए। तेजी से कटान गांव की ओर रुख कर दिया है। बाढ़ के रूख से भयभीत ग्रामीणों ने जागकर रात काटी। नदी से गांव की दूरी मात्र 30 मीटर है। किसी अनहोनी से भयभीत उमेश, राजेश, राहुल, अमरूल, अरविंद, सुनील आदि राहत और बचाव करने के लिए आगे आए। ग्रामीणों ने बाढ़ खंड के कर्मचारियों द्वारा लगाए पेड़ों को बहने से रोक दिया। क्योंकि जिस खेत में पेड़ों को रोकने के लिए रस्सी बांधी गई थी।
वह भूमि भी पानी से लबालब हो गई है। नदी ने दूसरे स्थान पर भी कटान शुरू कर दिया है। इसे रोकने में ग्रामीण असफल रहे। हालांकि जलस्तर घट रहा है। नदी के पानी की जद में आए वीरेंद्र, बंटी, धर्मेंद्र, कुंवरपाल सिंह, पूरन हरपाल, दिनेश, राजेश, अशरफ, जाकिर के शेष बचे खेत भी नदी समा गए है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से कटान को रोकने की मांग की है। इस बारे में ग्राम प्रधान अरविंद कुमार ने बताया कि प्रशासन ने हरपाल नगर गांव के कटान के मद्देनजर सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए कहा है लेकिन गांव के लोग दूसरे स्थान पर रहने के लिए राजी नहीं हुए। इस मामले में स्थानीय लेखपाल भ्रमण कर रहे हैं।