मुरादाबाद। क्रिकेट विश्वकप 2023 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत से आगाज किया है। इसके बाद क्रिकेट प्रेमियों के अंदर विश्वकप में भारत के आगे के सफर के लिए जुनून और बढ़ गया है। मुरादाबाद के पहले रणजी खिलाड़ी व वर्तमान में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के निदेशक विजय गुप्ता ने पुराने दौर की यादें साझा की हैं।
उनके शब्द हैं कि… 1983 विश्वकप के दौरान मैं गांधीनगर में रहता था। हमारी कॉलोनी में भारतीय टीम की जीत के लिए हवन किया गया था। हवन में मोहल्ले के सभी लोगों ने आहुतियां दी थीं। भारत जब फाइनल में पहुंचा तो लगा कि ईश्वर ने हमारी प्रार्थना स्वीकार कर ली है। फाइनल वाले दिन मैं कचहरी से जल्दी काम निपटाकर घर पहुंच गया। वहां देखा तो पड़ोसियों का मजमा लगा था। चूंकि उस दौर में सबके घरों में टीवी नहीं था, इसलिए कई पड़ोसी हमारे घर मैच देखने आए थे। मैंने पत्नी से चाय और पकौड़ियां बनवाई और सबने साथ मेंं मैच का आनंद लिया।
मुझे याद है जब दो बार की विश्वविजेता वेस्टइंडीज के खिलाफ कपिल देव की कप्तानी वाली हमारी टीम संघर्ष कर रही थी। वीवीएन रिचर्ड काफी अच्छे शॉट लगा रहे थे, लोगों में निराशा बढ़ रही थी। तभी कपिल देव ने रिचर्ड्स का शानदार कैच लपका और मैच में फिर जान डाल दी।
1983 विश्वकप की ट्रॉफी भी मुरादाबाद में तैयार हुई थी। जब भारत ने उस ट्रॉफी को जीत लिया तो शहर का माहौल त्योहार में बदल गया। लोगों ने मंदिरों में आरती की। मोहल्लों से सड़कों तक जुलूस निकाले गए, मिठाइयां बांटी गईं। इतनी आतिशबाजी हुई कि दिवाली को पीछे छोड़ दिया गया। मेरी उम्र उस समय 47 साल थी। 1960-61 में मैंने रणजी ट्रॉफी खेली थी, इसलिए क्रिकेट के लिए मेरा जुनून हमेशा अलग ही रहा। 1984 में दिल्ली में टेस्ट मैच के दौरान कपिल देव व सुनील गावस्कर से मेरी मुलाकात भी हुई। गावस्कर उस मैच में शून्य पर आउट हुए थे, तब मैंने यूं हीं उन्हें खुश करने के लिए कह दिया था कि अगले मैच में आप शतक बनाएंगे और यह सच साबित हुआ। उस समय गावस्कर के साथ ली गई फोटो मैंने आज भी सुरक्षित रखी है।