मुरादाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग में 12 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई 45 शिक्षकों की जांच के तहत हुई है। इनमें से अभी पांच और शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों से जवाब मांगा गया है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
2014-15 मुरादाबाद में करीब 350 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी। इसके बाद शासन ने मामले में जांच शुरू की थी। जनपद में 45 से अधिक शिक्षकों की नियम विरुद्ध तरीके से भर्ती होने की बात सामने आई थी। तत्कालीन एसडीएम ठाकुरद्वारा और पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने मामले में जांच की थी। उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट सौंपी थी।
संबंधित शिक्षकों की फाइलों को सीज कर कार्रवाई की संस्तुति शासन से की गई थी। इसके बाद लोकायुक्त में मामले की सुनवाई हुई थी। वहां से भेजे गए आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 12 को बर्खास्त कर दिया है। 45 शिक्षकों में से नियुक्ति के बाद जब मामले की शिकायत हुई तो उसी दौरान एक शिक्षक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। मामले की जांच के दौरान एक शिक्षक का निधन हो गया। 12 शिक्षकों की परीक्षा नियामक प्राधिकारी के पास जांच के लिए लिखा गया। जांच के दायरे में आए तीन अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनका फाइनल मेरिट में चयन नहीं हुआ था, लेकिन काउंसिलिंग में दिए गए प्रमाण पत्रों के आधार पर उनकी भी जांच की गई थी। इसके अलावा छह शिक्षकों को क्लीन चिट मिल चुकी है।
रामपुर और बरेली गए शिक्षक
सचिव ने 17 शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश दिए थे। इसमें से 12 शिक्षक मुरादाबाद में कार्यरत थे। इनके खिलाफ बीएसए अजीत कुमार ने कार्रवाई कर दी, जबकि चार शिक्षक रामपुर और एक शिक्षक का तबादला बरेली हुआ है। मुरादाबाद बीएसए ने संबंधित जनपदों के बीएसए को दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बताया जाता है कि बर्खास्त होने वाले कुछ शिक्षकों ने न्यायालय का रुख किया है।
यह थे आरोप
कुछ शिक्षकों पर दो-दो बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने, 50 वर्ष की उम्र होने पर बीटीसी का लाभ न मिलने, स्नातक की डिग्री अमान्य विश्वविद्यालय की होने के अलावा विशिष्ट बीटीसी का परिणाम आने से पहले ही फर्जी अंकों के आधार पर आवेदन करने के आरोप हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 27 अप्रैल 2014 आवेदन की आखिरी तारीख थी, जबकि विशिष्ट बीटीसी का परिणाम 29 अप्रैल को आया था। बिना परिणाम के ही कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी अंक भर दिए थे। जबकि शासन ने जो अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह गए थे, उन्हें आवेदन करने का मौका दिया था। पहले ही फर्जी अंक भर चुके अभ्यर्थियों पर कार्रवाई हुई है।
कर्मचारियों को फोन पर पूछ रहे मेरा नाम तो नहीं
12 शिक्षकों की बर्खास्तगी से विभाग के पूर्व अधिकारियों को डर सताने लगा है। उन्होंने बुधवार को कुछ कर्मचारियों से फोन कर पूछा कि कार्रवाई की सूची में उनका नाम तो शामिल नहीं है।