मुरादाबाद।
मुरादाबाद के युवा अपने कौशल के दम पर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। साथ ही कई अन्य परिवारों को रोजगार दे रहे हैं। बेरोजगारी की चुनौतियों को कम करने के लिए उन्होंने सार्थक पहल की है। एक विचार से शुरु हुआ उनका कारोबार कई शहरों में फैल चुका है। अब उनका प्रयास इसे और आगे बढ़ाने का है।
यूरोप के बाजार में भेज रहे रसायन फ्री उत्पाद
गांधी नगर निवासी तनुज टंडन ने बताया कि बीटेक करने के बाद उनका प्लेसमेंट हो गया था, लेकिन मन में अपना कारोबार करने की इच्छा थी। इसलिए मैंने नौकरी ज्वाइन नहीं की। वर्ष 2018 में मैंने वन डिस्टि्रक्ट वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत हैंडीक्राफ्ट का काम शुरु किया। इसके लिए मैंने सर्टिफिकेट कोर्स किया, ताकि कारोबार की बारीकियां समझ सकूं। हमारे उत्पादों में फ्लॉवर वॉश, कैंडल स्टैंड, लालटेन, फर्नीचर आदि शामिल है। मैं अपने सभी उत्पाद यूरोप में भेजता हूं। इनकी खासियत है कि उत्पादों की फिनिशिंग को लेड और कैडमियम फ्री रखा जाता है। अब मेरे अपने यहां करीब 20 युवक कार्यरत हैं।
डिप्टी कमांडेंट की नौकरी छोड़ पार्किंग समस्या के समाधान में जुड़े धनंजय रामगंगा विहार फेस वन निवासी धनंजय भारद्वाज ने बताया कि रक्षा मंत्रालय में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2019 में मेरी नई गाड़ी नई दिल्ली करोल बाग में यातायात पुलिस ने उठा ली थी। इससे गाड़ी को नुकसान भी हुआ। जबकि गाड़ी अधिकृत पार्किंग में थी और रसीद भी मेरे पास थी। इससे आर्थिक नुकसान हुआ। तब इस समस्या का समाधान करने का विचार आया। वर्ष 2021 में नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। हरिद्वार निवासी दोस्त अभिमन्यु सिंह के साथ मिलकर जुलाई 2022 में एक पार्किंग एप शुरू किया। लखनऊ में हजरत गंज सहित चार मॉल की पार्किंग, लखनऊ स्मार्ट सिटी की पार्किंग, दिल्ली में बाजार करोल बाग, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, कनॉट प्लेस, चांदनी चौक की पार्किंग को स्मार्ट पार्किंग तकनीक से व्यवस्थित करते हैं। इसमें यात्री को अपना स्थान चिह्नित करने के बाद वहां पहुंचना होता है। निर्धारित स्थान पर कर्मचारी मिलता है, जो गाड़ी खुद ही पार्क करता है। इसमें गाड़ी के सुरक्षित रहने की गारंटी दी जाती है। एक वर्ष में सवा करोड़ का बिजनेस हुआ है। प्रति माह 35 फीसदी के स्तर से बढ़ रहे हैं। लखनऊ में 30 रुपये और दिल्ली 49 रुपये पिक-ड्रॉप चार्ज होते हैं।
इन योजनाओं के तहत कर सकते हैं स्वरोजगार
तकनीकी सलाहकार आलोक पांडेय ने बताया कि भारत सरकार की कई योजनाएं हैं जो वित्तीय अनुदान प्रदान करती हैं, ताकि उद्यमी अपना व्यवसाय चला सकें या खोल सकें। इसमें प्रधान मंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया, माइक्रो और छोटे उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) सब्सिडी, खाद्य प्रसंस्करण फंड योजना आदि हैं। इसमें आवेदन कर सरकार से वित्तीय सहायता ले सकते हैं।
हम काम बहुत करेंगे, लेकिन सुरक्षा पर ध्यान देंगे
मुरादाबाद। टीएमयू के पैरामेडिकल साइंसेज, ऑप्टोमेट्री विभाग के सहायक प्रोफेसर पिनाकी अदक ने मुरादाबाद में पीतल कारोबार में लगे युवाओं की आंखों की परेशानियों पर शोध किया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में अधिकांश धातु कर्मचारी पीतल के बर्तन की पॉलिशिंग, वेल्डिंग, ढलाई प्रक्रिया से शामिल होते हैं। इससे छोटे उड़ने वाले कण, ब्लंट ट्रामा, केमिकल बर्न्स, थर्मल बर्न्स से आंखों में गंभी चोटों और आंखों की रोशनी खत्म होने का कारण बनते हैं। विकिरण – एक्स-रे से आयनकारी विकिरण, पराबैंगनी विकिरण कार्यस्थल में उपस्थित श्रमिकों की आंखों में जलन का कारण बनती है। श्रमिक हर 15-20 मिनट में ब्रेक लें और 20 फीट की दूरी से देखें। वेल्डिंग हेलमेट, फुल-फेस रेस्पिरेटर या फेस शील्ड जैसे अन्य उपयुक्त सुरक्षात्मक उपकरणों का उपयोग करें।