Moradabad News: गलत परीक्षा परिणाम लेकर भटक रहे विद्यार्थी

Moradabad News: गलत परीक्षा परिणाम लेकर भटक रहे विद्यार्थी


मुरादाबाद। एमजेपी रुहेलखंड से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का बीएससी और बीकॉम अंतिम वर्ष का परिणाम जारी हुआ है। इसमें ज्यादातर विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं में गलतियों की भरमार है। इसकी वजह विद्यार्थी कॉलेजों और विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि रिजल्ट में संशोधन के लिए फीस और बरेली आने-जाने का किराया देकर करीब एक हजार रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी का कहना है कि संशोधन के लिए विद्यार्थियों को प्रार्थनापत्र देना होगा।

केजीके कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील चौधरी का कहना है कि सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद परीक्षाओं की संख्या बढ़ गई है। इसकी वजह से अंकतालिकाओं में गलती के मामले ज्यादा आते हैं। इसके समाधान के लिए विश्वविद्यालय को जनपद स्तर पर शिकायत निवारण केंद्र बनाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी आसानी से समस्याओं का समाधान करवा सकें। हिंदू कॉलेज के परीक्षा प्रभारी डॉ. जेके पाठक का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित एजेंसी की गलती की वजह से विद्यार्थी बहुत परेशान होते हैं। एक विद्यार्थी की अंकतालिका पर एक ही विषय छह बार टाइप हो गया है। इसके अलावा विद्यार्थी अन्य शिकायतें भी लेकर आते हैं।

मेरी अंकतालिका में आरडी इनरोल लिखकर आया है, जबकि बीकॉम द्वितीय वर्ष की अंकतालिका में इनरोलमेंट संख्या दर्ज है। परिणाम जारी करने वाली एजेंसी की मनमानी से हमारा आर्थिक व मानसिक शोषण हो रहा है। यह हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। अंतिम वर्ष की अंकतालिका न होने की वजह से हम नौकरी के लिए भी आवेदन नहीं कर सकते। -विचित्र कुमार,बीकॉम, हिंदू कॉलेज।

प्रथम वर्ष में शारीरिक शिक्षा की परीक्षा नहीं हुई थी और हमें प्रोन्नत कर दिया गया था। अब अंतिम वर्ष की अंकतालिका में शारीरिक शिक्षा विषय के पेपर में नॉट क्लियर्ड दिखाया गया है। पूछने पर कह रहे हैं कि परीक्षा हुई थी। यदि परीक्षा हुई थी तो हमें अनुपस्थित दिखाया जाता। अब अंकतालिका में सुधार के लिए कम से कम एक हजार रुपये का खर्चा है। -आशीष कुमार सिंह, बीएससी, केजीके कॉलेज।

बीएससी तृतीय वर्ष की अंकतालिका में प्रथम वर्ष में प्रमोट होने के बाद के अंक नहीं दिए हैं। इसमें केवल द्वितीय और तृतीय वर्ष के ही अंक है, जबकि मेरी कुछ सहेलियों की अंकतालिकाओं में तीनों वर्ष के अंक हैं। अधूरी अंकतालिका होने की वजह से मैं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में निकली रिक्तियों में आवेदन नहीं कर पाऊंगी। – मान्या, बीएससी, केजीके कॉलेज।

जिन विद्यार्थियों की अंकतालिकाओं में समस्या हैं तो वे कॉलेज के माध्यम से या फिर सीधे विश्वविद्यालय में आकर अंकतालिकाओं में सुधार करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक प्रार्थनापत्र और अंकतालिका की फोटोकॉपी देनी होगी। इसके बाद समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

-डॉ. अमित सिंह, मीडिया प्रभारी, एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय।



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