मुरादाबाद।
अगस्त क्रांति दिवस पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शहीद नवाब मज्जू खां की शहादत को याद किया। बताया कि मज्जू खां ने जीवन के अंतिम क्षण तक अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की। देश के लोग ऐसे बहादुर सेनानी को कभी नहीं भूल सकते हैं।
गलशहीद स्थित मजार पर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष असलम खुर्शीद और स्थानीय पार्षद परवेज ने चादरपोशी की। मुरादाबाद के सभी शहीदों को कांग्रेस जनों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस पर भारत के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर ने मुरादाबाद हाकीम नवाब मज्जू खां घोषित किया था। नवाब मज्जू खां ने बड़ी बहादुर के साथ अंग्रेजी पलटन का मुकाबला किया। क्रांति की आग इतनी तेज फैली कि अंग्रेजी पलटन डर के चलते नैनीताल भाग गई। कुछ समय बाद अंग्रेज फिर संगठित होकर आए। उन्होंने मुरादाबाद पर आक्रमण किया। इस बार अंग्रेजों ने मुरादाबाद पर कब्जा कर लिया। 25 अप्रैल 1858 को अंग्रेजों ने नवाब मज्जू खां को गोली मारकर शहीद कर दिया। चादरपोशी करने वालों में प्रदेश सचिव अजय सारस्वत सोनी, अनूप वूबे, हाजी रिजवान कुरैशी, पार्षद मो.जुनेद, पार्षद राशिद हुसैन, मंगल सेन, जुल्फिकार अहमद आदि लोग मौजूद थे।