मुरादाबाद। अनुज और मोहित चौधरी के बीच दुश्मनी का बीज 2014 में छात्र राजनीति में ही पड़ गया था। नौ सालों में दो हत्याएं हो चुकी हैं। खुद मोहित चौधरी पर भी जानलेवा हमला हो चुका है। सात गोलियां लगने के बाद भी वह बच गया था।
2014 में डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव का एलान हुआ था। केजीके कॉलेज से ठाकुरद्वारा क्षेत्र के लौंगी कलां निवासी और उस वक्त के एबीवीपी के जिला संयोजक दीपक चौहान ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर दावेदारी की थी। संभल जनपद के भवालपुर निवासी मोहित चौधरी भी केजीके कॉलेज का छात्र था। वह वेट लिफ्टिंग में विश्वविद्यालय स्तर पर कई पदक जीत चुका था। कुछ नेताओं ने मोहित के सिर पर हाथ रखा तो वह भी छात्र राजनीति में कूद गया। हालांकि, दीपक चौहान की लोकप्रियता के आगे वह छात्रों में अपनी पकड़ नहीं बना पा रहा था।
बताया जा रहा है कि अनुज चौधरी भी दीपक का समर्थन कर रहा था। दो जनवरी 2014 की रात सिविल लाइंस की आशियाना कॉलोनी में दीपक चौहान की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त दीपक अपने रिश्ते के चाचा नीटू चौहान के घर से लौट रहा था। इस मामले में पुलिस ने मोहित चौधरी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में आरोपी जमानत पर छूट गए थे। मोहित चौधरी और अनुज चौधरी के गांव आसपास हैं।
2020 में मोहित चौधरी ने जिला पंचायत का चुनाव संभल के उसी वार्ड से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी, जहां से अनुज चौधरी तैयारी कर रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच रंजिश बढ़ती जा रही थी। दो सितंबर 2020 की रात अमरोहा में मोहित चौधरी पर हमला हुआ था। उसे सात गोलियां लगी थीं। उस वक्त वह पूर्व सांसद देवेंद्र नागपाल की माता के अंतिम संस्कार में शामिल होकर लौट रहा था। अक्तूबर 2022 में दीपक चौहान हत्याकांड में मोहित और उसके दोस्त रोहित चौधरी को आजीवन कारावास की सजा हो गई थी। मोहित अब बरेली सेंट्रल जेल में बंद है।
दूसरी ओर, अनुज चौधरी ने असमोली ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा था। इससे ब्लॉक प्रमुख के बेटे अनिकेत और पति प्रभाकर को कुर्सी जाने का डर सजा रहा था। इसलिए पिता पुत्र ने मोहित के भाई अमित के साथ मिलकर अनुज चौधरी की हत्या करवा दी।