मुरादाबाद। यदि कोई व्यक्ति एक बार रूट कैनाल ट्रीटमेंट यानी आरसीटी करा चुके हैं और समस्या खत्म नहीं हुई, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अब बिना दांत निकाले भी अत्याधुनिक तकनीक के जरिये दोबारा नसों का उपचार किया जा सकता है। इसमें स्वास्थ्य लाभ न होने की आशंका भी कम रहती है। जबकि पहले एक बार आरसीटी होने पर दोबारा नहीं की जा सकती थी। दूसरी बार उपचार के लिए दांत निकालने पड़ते थे।
इंडियन डेंटल एसोसिएशन मुरादाबाद शाखा की सीडीई में यह जानकारी मुख्य वक्ता डॉ. निखिल बहुगुणा ने साझा की। आईडीए की यह सीडीई रामपुर रोड स्थित एक होटल में देर शाम आयोजित की गई और रात 11 बजे तक चली। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दांतों के उपचार की नवीनतम विधियों पर चर्चा की। इन विधियों के जरिये कम साइड इफेक्ट और सफल इलाज की बात की गई। एएमयू की डॉ. श्रद्धा राठी ने बेसल इंप्लीमेंट्री तकनीक साझा की। उन्होंने कहा कि इस विधि के जरिये ऐसे मरीजों का इलाज संभव है, जिनके मुंह में एक भी दांत नहीं है। महज तीन दिन के अंदर मरीज के मुंह में 28 या 32 दांत लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह तकनीक बहुत प्रसिद्ध हो रही है। कई फिल्मी हस्तियां भी यह उपचार ले चुकी हैं। इसके बाद मेरठ के सुभारती डेंटल कॉलेज से आईं डॉ. सौंदर्या सिंह ने जबड़े के सुंदरीकरण की विधियों पर चर्चा की। उन्होंने केस स्टडी के जरिये स्क्रीन पर दिखाया कि कैसे अजीब से दिखने वाले जबड़े को ठीक कर चेहरे को सुंदर बनाया जा सकता है। उन्होंने मसूड़ों की बीमारियों के इलाज पर भी चर्चा की।
सीडीई में मुख्य अतिथि के रूप में आईडीए के मुंबई स्थित मुख्य कार्यालय के डॉ. दीपक मखीजानी रहे। उन्होंने आईडीए द्वारा संचालित अभया प्रोजेक्ट की जानकारी दी। बतायाकि इस प्रोजेक्ट के तहत आईडीए की महिला डॉक्टर शहरी व ग्रामीण इलाकों में जाकर गर्भवती व बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को मसूड़ों की बीमारियों के इलाज के विषय में जागरूक करती हैं। इन बीमारियों को नजरअंदाज करने से उनकी व बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
इस प्रोजेक्ट के लिए डॉ. मखीजानी ने मुरादाबाद शाखा की ह्यूमन डेंटल काउंसिल की स्थापना की। प्रो. डॉ. रजनी नागपाल को इस काउंसिल की जिम्मेदारी सौंपी। सीडीई में आईडीए की प्रदेश बॉडी के अध्यक्ष डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. अभय सिंह, आयोजक चैयरमैन डॉ. समर्थ कुमार अग्रवाल, सचिव डॉ. रोमिल सिंघल, डॉ. सलमान, डॉ. पीएन टंडन आदि मौजूद रहे।