मुरादाबाद। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं को 20 तक पहाड़े याद होने चाहिए। इसके लिए सभी शिक्षकों को भी पहाड़े याद होना आवश्यक है, भले ही वह किसी भी विषय से संबंधित शिक्षक क्यों न हों। यह बात राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ से वरिष्ठ विशेषज्ञ बालिका शिक्षा डॉ मुकेश कुमार सिंह ने कहीं।
इसके बाद शिक्षकों से पहाड़े से संबंधित सवाल पूछा तो एक शिक्षिका ने 19 का पहाड़ा सुनाया। उन्होंने शिक्षकों को बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को एकजुट होने का आह्वान किया।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में गुणवत्तापरक संचालन व विविध नवाचारों पर चर्चा के लिए मंडल स्तरीय विजनिंग कार्यशाला का आयोजन पंचायत भवन सभागार में आयोजित हुआ। जिलाधिकारी मुरादाबाद शैलेंद्र कुमार सिंह ने बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए बालिका शिक्षा व शिक्षकों में ऊर्जा व दायित्व बोध का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा की बेटियां नजीर बनें, इसके लिए सभी मिलकर काम करें। डॉ मुकेश कुमार सिंह ने मंडल के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं के अभ्यास की प्रगति भी प्रस्तुतिकरण के माध्यम प्रस्तुत की। इसमें रामपुर के सक्रिय छात्राओं की संख्या सिर्फ आठ फीसदी थी, जबकि सबसे अधिक मुरादाबाद की 44 फीसदी रही। अमरोहा की नौ फीसदी, संभल की दस फीसदी और बिजनौर जनपद की 24 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा, जबकि खराब प्रगति वाले कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षकों को दंडित किया जाएगा।
राज्य परियोजना लखनऊ से आनंद शुक्ला व निधि ने कस्तूरबा विद्यालय के सर्वांगीण विकास के बिंदुओं पर विषय वार चर्चा की। संयोजक प्रभारी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक बुद्धप्रिय सिंह ने मंडल के 48 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। संचालन शिक्षक डॉ हरनंदन प्रसाद व डॉ सचिन शुक्ला ने किया। इस दौरान बीएसए संभल चन्द्रशेखर, बीएसए अमरोहा गीता वर्मा, प्रभारी बीएसए रामपुर शेर सिंह, बिजनौर से अजय कुमार, मित्रलाल गौतम, सतेंद्र सिंह, प्रशांत कुमार, रंजना राजपूत, विवेक शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यशाला में राजेश कुमार शर्मा, मोहम्मद आरिफ,राजकुमार आदि का सहयोग रहा।