Moradabad Ramlila: रावण-कुंभकरण का बढ़ गया अत्याचार, रामजन्म के बाद आकाश से पुष्पवर्षा, दर्शकों में उत्साह

Moradabad Ramlila: रावण-कुंभकरण का बढ़ गया अत्याचार, रामजन्म के बाद आकाश से पुष्पवर्षा, दर्शकों में उत्साह



मुरादाबाद में रामलीला मंचन के दौरान कलाकार
– फोटो : अमर उजाला

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प्राचीन श्री रामलीला कमेटी पुराना दसवां घाट के मंच पर नारद मोह, श्री राम जन्म प्रसंग का मंचन किया गया। ओम कला मंच के संजय सिंह अतुल मिश्रा के निर्देशन में रामलीला मंचन से पूर्व मंच का उद्घाटन एवं गणेश जी की आरती मुख्य अतिथि रामपुर विधायक आकाश सक्सेना, विशिष्ट अतिथि नगर महामंत्री श्याम बिहारी शर्मा ने की। कलाकारों ने दिखाया कि नारद मुनि तपस्या में लीन हैं।

कामदेव उनकी तपस्या भंग करना चाहते हैं लेकिन कामदेव कामयाब नहीं हो पाते। इसी बात का अहंकार नारद जी को हो जाता है। तब वह भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित अन्य देवताओं के सामने अपनी तारीफ करते हैं। नारद मुनि का अहंकार तोड़ने के लिए भगवान विष्णु अपनी माया से एक नगर में विश्वमोहिनी कन्या को भेजते हैं।

इस कन्या पर नारद मुनि मोहित हो जाते हैं। विश्व मोहिनी कन्या का स्वयंवर होता है। इससे पहले नारद मुनि भगवान विष्णु के पास जाकर उनका रूप मांगते हैं। भगवान विष्णु उन्हें अपना बंदर का रूप दे देते हैं। स्वयंवर में विश्व मोहिनी बंदर रूप धरे नारद मुनि को छोड़कर मनुष्य रूप में भगवान विष्णु को पहचान कर उन्हें वर बना लेती है।

बाद में नारद मुनि जब अपना चेहरा देखते है तो वह भगवान विष्णु को श्राप देते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आपकी लीला से मैं स्त्री के लिए परेशान रहा हूं। इसी तरह भगवान विष्णु को भी मनुष्य रूप में वन-वन भटकना पड़ेगा। वहां बंदर, भालुओं से आपको सहायता मांगनी पड़ेगी। इसके बाद रावण जन्म की लीला का मंचन किया गया।

रावण कुंभकरण अत्याचार करना शुरू कर देते हैं। पृथ्वी पर इतना अत्याचार बढ़ जाता है कि उनसे सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि परेशान हो जाते हैं। इस दौरान आकाश से आकाशवाणी होती है और भगवान विष्णु सभी देवी- देवताओं से कहते हैं कि आप चिंता न करें।

रावण और कुंभकरण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई जाएंगी। राम जन्म प्रसंग का मनोहारी मंचन किया गया। राक्षसों को नाश करने के लिए धरती पर भगवान का जन्म हो चुका है। श्रीराम का जन्म होते ही भगवान के जयकारे लगने लगे। देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा शुरू कर दी।

महिलाएं बधाई मंगल गीत गाने लगी। श्रीराम जन्म पर दसवां घाट पर आतिशबाजी की गई। इस दौरान अध्यक्ष यथार्थ किशोर, संरक्षक छत्रपाल सिंह एडवोकेट, महामंत्री आदित्य वीर शास्त्री, इंद्रजीत शर्मा, राजेश वाल्मीकि, प्रवक्ता धर्मेन्द्र यादव, रवि सैनी, पुष्पकांत शर्मा आदि मौजूद रहे।



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