मंडी समिति प्रशासन द्वारा चार दिन तक दो-चार क्रेट टमाटर 100 रुपये किलो बिकवा कर टमाटर के दाम कम करने की कवायद अपने उद्देश्यों में खरी उतरती नहीं दिखाई दे रही है। मंडी प्रशासन के इस प्रयास से हालांकि थोक के भाव में कुछ गिरावट जरूर आई है, लेकिन मंडी गेट से बाहर जाते ही टमाटर के भाव शहर के मोहल्ले और मंडी से दूरी के हिसाब से विक्रेता तय कर रहे हैं। यही वजह है कि मंडी से बाहर निकलने के बाद आम लोग टमाटर डेढ़ से दोगुनी कीमत पर खरीदने को मजबूर हैं।
मंडी में टमाटर की आवक बढ़ने के बाद भी टमाटर के भाव कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। सोमवार को करीब 41 क्विंटल टमाटर हिमाचल और देहरादून से आया। यह टमाटर 100 रुपये किलो से लेकर 120 रुपये किलो तक थोक में बिका। जिसे शहर के अलग-अलग कॉलोनियों में सब्जी की दुकान लगाने वाले और ठेले पर फेरी लगाकर सब्जी बेचने वाले थोक में खरीद कर ले गए। लेकिन जैसे-जैसे मंडी से मोहल्ले की दूरी बढ़ती गई टमाटर के दाम भी बढ़ते गए।
शहर के मझोला स्थित मंडी समिति गेट से लेकर प्रकाशनगर चौराहा तक मंडी रोड के दोनों ओर फुटकर सब्जी विक्रेताओं की अस्थायी दुकानें हैं। इन दुकानों पर सोमवार टमाटर 140 रुपये से लेकर 160 रुपये तक बिकता मिला। थोड़ा और आगे बढ़ने पर शहर की पॉश कालोनियों में शुमार मानसरोवर कॉलोनी के बाहर सड़क पर भी कुछ ठेलों पर सब्जी बिक रही थी। पूछने पर टमाटर का भाव 50 रुपये पाव अर्थात 200 रुपये किलो बताया गया।
एक किलो टमाटर खरीदने पर 10 रुपये भाव में कम करने की बात भी विक्रेता ने कही। कांठ रोड स्थित रामगंगा विहार की दूरी मंडी समिति से करीब तीन किलोमीटर है। यहां टमाटर का 60 रुपये पाव अर्थात 240 रुपये प्रति किलो बिकता मिला। आर्यन स्कूल बुद्धि विहार में सब्जी विक्रेता के यहां लोग 180 रुपये से 200 रुपये किलो तक टमाटर खरीदते मिले। वहीं मोहल्ला गलशहीद में 150 रुपये से लेकर 160 रुपये प्रतिकिलो की दर से टमाटर बिका।
बोले-फुटकर व्यापारी
मंडी समिति से सुबह 100 रुपये किलो के हिसाब से एक धड़ी टमाटर लाए थे। जिसे मामूली लाभ कमाते हुए 140 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा। महंगाई के कारण टमाटर की बिक्री धीरे-धीरे कम होती जा रही है।
– प्रिंस, सब्जी विक्रेता मंडी समिति रोड
मंडी समिति में सुबह छह बजे थोक में सब्जी लेेने जाना पड़ता है। फिर पूरे दिन सड़क किनारे ठेला लगाकर बेचता हूं। ग्राहक छांट कर टमाटर लेता है। जबकि मंडी में सब्जीविक्रेताओं को क्रेट के हिसाब से टमाटर देते हैं। कई टमाटर खराब निकल जाते हैं। लिहाजा 50 रुपये पाव के हिसाब से मजबूरन बेचना पड़ता है। -वतन सिंह, सब्जी विक्रेता मानसरोवर