Moradabad: बुखार से हेड कांस्टेबल और डेंगू से छात्रा की मौत, जिले में लगातार बढ़ता जा रहा बीमारी का प्रकोप

Moradabad: बुखार से हेड कांस्टेबल और डेंगू से छात्रा की मौत, जिले में लगातार बढ़ता जा रहा बीमारी का प्रकोप



मुरादाबाद में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बुखार और डेंगू से जिले में दो और मौतें हो गई। ठाकुरद्वारा कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह पवार (46) की मौत हो गई, जबकि कुंदरकी क्षेत्र के ग्राम रसूलपुर हमीर के पूर्व प्रधान मोहम्मद जुबैर की डेंगू पीड़ित 12 वर्षीय बेटी शादिया ने इलाज के दौरान मुरादाबाद के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।

वह हबीबी पब्लिक इंटर कालेज डींगरपुर में कक्षा तीन में पढ़ रही थी। ठाकुरद्वारा कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह पवार (46 ) को करीब चार दिन पहले तेज बुखार आया था। ठाकुरद्वारा में ही इलाज कराया गया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ प्लेटलेट्स लगातार गिरती रहीं।

इसके बाद उन्हें देहरादून के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विजेंद्र सिंह ने बताया कि नरेंद्र सिंह पवार मूल रूप से पदम विहार आईटीआई दिल्ली रोड सहारनपुर के निवासी थे।

कुंदरकी ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम रसूलपुर हमीर के पूर्व प्रधान मोहम्मद जुबैर की 12 वर्षीय बेटी शादिया को तीन दिन पहले अचानक बुखार हुआ। परिजन गांव के ही चिकित्सक इलाज कराया। इस बीच तबीयत बिगड़ती गई। परिजन मुरादाबाद के निजी अस्पताल में ले गए, वहां पर छात्रा ने दम तोड़ दिया।

डॉक्टर ने जांच कराई तो डेंगू की पुष्टि हुई। छात्रा अपने छह भाई बहन में चौथे नंबर की थी। सूचना पर पहुंचे पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान ने कहा कि क्षेत्र में डेंगू और बुखार का जबरदस्त प्रकोप है। समुचित इलाज नहीं मिलने के कारण युवा और बच्चे तक अपनी जानें गंवा रहे है लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

डेंगू के 18 मरीज और मिले

जिले में सोमवार को डेंगू के 18 मरीज मिले हैं। नोडल अधिकारी के अनुसार सभी पीएचसी और सीएचसी पर शिविर लगाकर मरीजों की जांच की जा रही है। सोमवार को मिले 18 मरीजों में दस पुरुष और आठ महिलाएं हैं। एक मरीज ठाकुरद्वारा, एक भगतपुर टांडा और शेष सभी मुरादाबाद शहर के मरीज हैं।

नोडल अधिकारी डाॅ. प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक मिले सभी मरीजों में सबसे ज्यादा 19 वर्ष से 41 वर्ष के बीच के हैं। इसकी वजह यह है कि इस आयु वर्ग के व्यक्ति कामकाज के सिलसिले में घर से बाहर निकलना पड़ता है। इस मौसम में सभी व्यक्ति फुल स्लीव के कपड़ें पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

यदि किसी को बुखार की शिकायत है तो वह सरकारी चिकित्सकों से अपना उपचार करवाएं। उन्होंने कहा कि सोमवार को आए मरीजों में से तीन अस्पताल में भर्ती हैं। एमसीएच विंग में डेंगू मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।



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