मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का माहौल गरमाता जा रहा है। इस बार के चुनाव में बाबाओं की भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है। चाहे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री हों या सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा। सभी की पॉपुलर्टी को चुनाव के दावेदार भुनाने में लगे हैं। इन दोनों कथा वाचकों के साथ ही कम्प्यूटर बाबा, मिर्ची बाबा और पण्डोखर धाम के गुरु शरण शर्मा ये सब भी समय-समय पर अपने बयानों से प्रदेश की राजनीति में तड़का लगाते रहते हैं। हालांकि ये तीनों पिछले चुनाव में भी सक्रिय थे इस बार फिर सक्रिय हैं। आगे आने वाले समय में इनका रोल दिखाई देगा।
कंप्यूटर बाबा
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कंप्यूटर बाबा एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कंप्यूटर बाबा पूरे प्रदेश में गो बचाओ यात्रा निकालने जा रहे हैं। इसके पहले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी बाबा पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय थे। बाबा की गो बचाओ यात्रा चित्रकूट से 26 सितंबर को शुरू होगी। 10 अक्टूबर को बाबा महाकाल की नगरी में उज्जैन में यात्रा का समापन होगा। यात्रा लगभग 40 जिलों से होते हुए गुजरेगी। आपको बता दें भाजपा सरकार में बाबा के आश्रम पर बुल्डोजर चला था।
मिर्ची बाबा
मिर्ची बाबा भी जेल से बाहर आते ही मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। 2023 के चुनाव में बाबा की भी अपनी भूमिका होगी। बाबा किस की तरफ से बल्लेबाजी करें अभी ये कहना मुश्किल होगा। हालांकि बाबा ने कुछ दिन पहले ही भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शिवराज सरकार के खिलाफ धरना दिया था। इससे पहले मिर्ची बाबा ने अपना मुंडन भी कराया था। बता दें मिर्ची बाबा दुष्कर्म के मामले में बरी होकर जेल से बाहर आए हैं।
गुरु शरण शर्मा पंडोखर बाबा
पंडोखर धाम की पीठाधीश्वर पंडित गुरु शरण शर्मा को भी राजनीति पसंद है। पिछले चुनाव में भी शर्मा ने मोर्चा खोला था। इस बार फिर अपने बड़े बयान के साथ चर्चाओं में आए हैं। पंडोखर सरकार ने पर्चे पर लिखकर लोगों का भविष्य बताने वाले बाबाओं को चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा है कि जो भी बाबा किसी भी व्यक्ति के विषय में सटीक जानकारी देगा, उसे चांदी का मुकुट और 11 लाख का इनाम दिया जाएगा।
धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर बाबा
छतरपुर के बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का असर भी समाज पर गहरा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 के दावेदार अपनी-अपनी विधानसभा में वोटरों को साधने के लिए बाबा की कथा का सहारा ले रहे हैं। बाबा हनुमंत कथा सुनाते हैं। इसे सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इससे दावेदार को अच्छा प्रचार मिल जाता है। हालांकि बाबा की कथा करवाने में अच्छा खासा खर्चा होता है।