नागेंद्र सिंह (बाएं) और जयंत मलैया (दाएं)
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भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पांचवीं सूची शनिवार को जारी कर दी। इसमें उम्रदराज नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने का भाजपा का फॉर्मूला कुछ हद तक दरकिनार होता नजर आया।
इन बुर्जुग नेताओं को टिकट
पार्टी ने सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। 81 वर्षीय नागेंद्र सिंह खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इस बार चुनाव की घोषणा से पहले नागौद विधानसभा के रहिकवारा में भूमिपूजन के दौरान विधायक नागेंद्र सिंह ने मंच से चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा था कि वे अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते और युवाओं को मौका देना चाहते हैं। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया।
इसी तरह पार्टी ने 76 वर्षीय पूर्व वित्तमंत्री जयंत कुमार मलैया को दमोह से फिर टिकट दिया है। मलैया पिछले चुनाव में कांग्रेस के राहुल लोधी से कम मतों से हार गए थे। राहुल लोधी कांग्रेस छोड़कर अब भाजपा में आ गए हैं। वह भी इस सीट से एक दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उम्रदराज मलैया पर ही दांव चला है।
नागेंद्र सिंह नाम के ही एक और उम्रदराज रीवा जिले की गुढ़ सीट से वर्तमान विधायक हैं। पार्टी ने 81 वर्षीय सिंह पर फिर भरोसा जताया है। सिंह 2013 के चुनाव में यह घोषणा कर चुके थे कि यह उनका आखिरी चुनाव है। इसके बावजूद 2018 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया। अब वे फिर 2023 में उम्मीदवार हैं।
यहां परिवारवाद नजर आया
कुछ जगहों पर परिवारवाद भी नजर आया। उदाहरण के लिए भाजपा ने जोबट सीट से विधायक सुलोचना रावत की जगह उनके बेटे विशाल रावत को टिकट दिया है। सुलोचना रावत लंबे समय से बीमार चल रही हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिद्धार्थ तिवारी को त्योंथर से अपना उम्मीदवार बनाया है। सिद्धार्थ कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं।
भाजपा ने पांचवीं सूची में ग्वालियर पूर्व सीट से 73 वर्षीय पूर्व मंत्री माया सिंह को प्रत्याशी बनाया है। माया सिंह खुद टिकट से बच रही थीं। वे चाहती थीं कि बेटे को टिकट मिले, लेकिन भाजपा ने सिंधिया की मामी यानी माया सिंह पर भरोसा जताया है।
33 साल से एक परिवार का इस सीट पर कब्जा
भाजपा ने होशंगाबाद सीट से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष 73 वर्षीय डॉ. सीतासरन शर्मा को टिकट दिया है, जबकि यहां से कांग्रेस उनके सगे भाई गिरिजा शंकर शर्मा को टिकट दे चुकी थी। गिरिजा शंकर हाल ही में कांग्रेस में शामिल हो चुके थे। पिछले 33 साल से शर्मा परिवार का इस सीट पर कब्जा रहा है। 2003 और 2008 में गिरिजा शंकर यहां से भाजपा विधायक थे। वहीं, 2013 और 2018 सीतासरन शर्मा विधायक रहे है।
गौरतलब है कि भाजपा 230 में से अब तक 228 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। विदिशा और गुना के लिए नाम का एलान होना बाकी है। कांग्रेस ने आमला सीट होल्ड की है। राज्य में 17 नवंबर को वोटिंग होगी। 3 दिसंबर को परिणाम आएंगे।