MP Politics: सागर की घटना ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, 2018 में दलित वोट बैंक घटने से सरकार नहीं बना पाई थी पार्टी

MP Politics: सागर की घटना ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, 2018 में दलित वोट बैंक घटने से सरकार नहीं बना पाई थी पार्टी



सागर की घटना ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है
– फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी समुदायों के खिलाफ अत्याचार की एक के बाद एक घटनाओं ने भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है। करीब दो दशक लंबे शासन के कारण पहले से ही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर ही पार्टी की मुश्किलें इन घटनाओं के कारण बढ़ती दिख रही है। दलित-आदिवासी समुदायों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं पहले ही राज्य भर में सुर्खियां बटोर चुकी हैं, लेकिन चुनाव से महज डेढ़ माह पहले सागर में दलित युवक की पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। इस मामले के आने के बाद भाजपा सरकार की टेंशन बढ़ गई है। भोपाल से लेकर लखनऊ तक की सियासत तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले को लेकर शिवराज सरकार पर तीखा हमला किया है।

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के लिए सबसे अधिक चिंता की यह बात यह है कि आदिवासी-दलितों के ये मामले एक विशेष क्षेत्र विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र से ही सामने आ रहे हैं। इससे पार्टी के लिए नया सिरदर्द पैदा हो गया क्योंकि चुनाव आचार संहिता लगने में महज 50 दिन का ही समय बचा हुआ है। दलित अत्याचार की ताजा घटना सागर जिले से सामने आई है। यहां दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोपियों से युवक को बचाने पहुंची उसकी मां को भी निर्वस्त्र कर पीटा गया। दरअसल, कुछ दिनों पहले मृतक की बहन के साथ आरोपियों ने छेड़छाड़ की थी, जिसका केस दर्ज हुआ था। आरोपी पीड़ित परिवार पर राजीनामा का दबाव बना रहे थे। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने 9 नामजद और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक के परिजनों की मांग है कि आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चलाया जाना चाहिए।

 

उज्जैन-इंदौर के बाद सबसे ज्यादा दलित सागर में

हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने सागर जिले में संत रविदास के भव्य स्मारक का भूमिपूजन किया था। सागर बुंदेलखंड का सेंटर पॉइंट भी माना जाता है। बुंदेलखंड में कुल 26 सीटें हैं। यहां सबसे अधिक दलित वोटर हैं। उज्जैन-इंदौर के अलावा सागर ही ऐसा जिला है, जहां 5 लाख से अधिक दलित वोटर हैं। बुंदेलखंड से ही दलितों के साथ भेदभाव की सबसे ज्यादा खबरें आती हैं। भाजपा को पता है कि सत्ता में लौटना है, तो दलित वोटरों को साधे बिना ये मुमकिन नहीं होने वाला है।








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