MP Politics: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सिंधिया का कमलनाथ पर हमला, बोले- मुखौटा नहीं चलेगा

MP Politics: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सिंधिया का कमलनाथ पर हमला, बोले- मुखौटा नहीं चलेगा



केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
– फोटो : सोशल मीडिया

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कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जमकर हमला बोला। उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के संकल्प पत्र में राम वनगमन पथ बनाने के संकल्प पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ‘यह मुखौटा नहीं चलेगा।’

सिंधिया ने लोकसभा में मणिपुर समेत कई मुद्दों पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नौ साल की सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। राहुल गांधी और कमलनाथ का नाम लिए बगैर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि ‘दो दिन से यहां धर्म की खूब बात हुई। कोई महाभारत की बात कर रहा है, कोई रामायण की बात कर रहा है। कोई राम की बात कर रहा है, कोई रावण की बात कर रहा है। अच्छा है कि इन्हें इस दौरान धर्म की बहुत याद आई। कोई जनेऊधारी है। कोई मंदिर की परिक्रमा कर रहा है। कोई यज्ञ आयोजित कर रहे हैं। कोई पार्टी अपने संकल्प पत्र में डाल रही है कि हम राम वनगमन पथ का संकल्प करते हैं। मैं इन्हें स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि यह मुखौटा नहीं चलेगा। 140 करोड़ जनता की आस्था और पीढ़ियों का सपना हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में बनाने जा रहे हैं। दो बार आपको रिजेक्ट किया है। तीसरी बार भी प्रचण्ड बहुमत के साथ एनडीए की सरकार यहां स्थापित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अमृत काल से शताब्दी काल की ओर चल रहा है। विश्वगुरु बनने के लिए चल पड़ा है। 

राम वनगमन पथ को लेकर रार

मध्य प्रदेश में राम वनगमन पथ को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मार्च में रामचंद्र पथ-गमन न्यास के गठन का निर्णय लिया है। इसे लेकर कांग्रेस का आरोप है कि 15 महीने के कार्यकाल में कमलनाथ सरकार इस मुद्दे पर पहले ही फैसला कर चुकी है। पांच मई को हुई कैबिनेट बैठक में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कैबिनेट ने ‘श्री रामचंद्र पथ-गमन न्यास’ के गठन का निर्णय लिया था। इस न्यास को विभिन्न विकास कार्यों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। शिवराज ने कहा था कि राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं। वनवास के समय प्रभु श्री राम जिन मार्गों से होकर गुजरे, वहां हम राम वनगमन पथ बना रहे हैं। आज देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 

तीन साल का होगा न्यासियों का कार्यकाल

‘श्री रामचन्द्र पथगमन न्यास’ में 33 सदस्य होंगे। 28 सदस्य पदेन न्यासी और पांच अशासकीय न्यासी सदस्य होंगे। अशासकीय न्यासियों का अधिकतम कार्यकाल तीन वर्ष होगा। पिछले दो दशक से राम वनगमन पथ के निर्माण की बात की जा रही है। किसी न किसी अवरोध के कारण मामला अटक रहा था। कई सर्वे और अध्ययन भी हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के 10 जिलों सतना, विदिशा, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, पन्ना, उमरिया और रीवा का चयन ‘राम वनगमन पथ’ के लिए किया गया था। 

3500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है पथ

राम वन पथ गमन मार्ग उत्तर प्रदेश के अयोध्या से चित्रकूट और इसके बाद मध्य प्रदेश के अंदर है। यह पथ छत्तीसगढ़ के कोरिया तक जाता है। श्रीराम की वन गमन यात्रा अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी होते हुए चित्रकूट तक हुई थी। इसी पथ को ही राम वन गमन मार्ग कहते हैं। इसकी लंबाई करीब 177 किलोमीटर है। राम वन गमन मार्ग के इस हिस्से को केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय बना रहा है। इसे पूरी तरह तैयार करने में 3500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मध्य प्रदेश सरकार राज्य के केवल अंदरुनी क्षेत्र में इस मार्ग का निर्माण कराएगी।



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