नरेश गोयल
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) केस में जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड के संस्थापक नरेश गोयल (74) को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि गोयल को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया। ईडी गोयल को शनिवार को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग कर सकती है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले की जांच सीबीआई की एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले में गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
नरेश गोयल पर क्या हैं आरोप
सीबीआई ने बैंक की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें बैंक ने आरोप लगाया है कि उसने जेट एयरवेज लि. (जेएएल) को 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं। इस खाते को 29 जुलाई 2021 को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था। बैंक का आरोप था कि कंपनी के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि उसने अपनी अन्य कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में भुगतान किया और इस तरह जेट का पैसा बाहर भेजा गया। जेट ने अपनी अनुसंगी कंपनियों को कर्ज या अन्य निवेश के जरिये भी पैसे का भुगतान किया।
अपनी मेहनत से बनाई देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस
1967 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नरेश गोयल ने ट्रैवल एजेंसी में काम करना शुरू किया। जहां वह एक लेबनान की एयरलाइंस का काम देखते थे। धीरे-धीरे नरेश गोयल इस बिजनेस के विशेषज्ञ बन गए और उसके बाद कई बड़ी एयरलाइंस में बड़े पदों पर काम किया। इसके बाद नरेश गोयल ने जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की लेकिन शुरू में कंपनी विदेशी एयरलाइंस की मार्केटिंग और सेल्स का जिम्मा संभालती थी। 5 मई 1993 को जेट एयरवेज ने दो विमानों बोइंग 737 और बोइंग 300 के साथ घरेलू उड़ान सेवाओं की शुरुआत की। धीरे-धीरे जेट एयरवेज देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस कंपनी बन गई और एक वक्त कंपनी के पास कुल 120 विमान थे। अपने चरम के समय जेट एयरवेज हर रोज 650 फ्लाइट्स का संचालन करती थी और उस समय नरेश गोयल की गिनती देश के 20 सबसे अमीर लोगों में होती थी।