शारदीय नवरात्र में मां भक्तों पर अपनी कृपा बरसाएंगी। पूजन के साथ ही मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए दिन के अनुसार अलग-अलग रंग के कपड़े भी भक्तों के सुख सौभाग्य में बढ़ोतरी करेंगे। नौ अलग-अलग देवियों की नौ दिनों तक पूजा होती है और हर देवी का अपना महत्व है। ऐसे में नौ देवियों के पसंद के नौ रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से माता प्रसन्न होंगी। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि सात वार के अलग-अलग रंग हैं और नौ देवियों के लिए भी अलग-अलग रंग निर्धारित हैं। प्रतिपदा से नवमी तक भक्त दिन के अनुसार माता को वस्त्र अर्पित करके और वस्त्र धारण करके पूजा करेंगे तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
शैलपुत्री देवी – हिमालय की पुत्री के रूप में जानी जाने वाली मां शैलपुत्री मूलाधार चक्र की देवी हैं, जिन्हें मूल चक्र भी कहा जाता है। उनका प्रतिनिधित्व करने वाला रंग लाल है जो ताकत और शक्ति का प्रतीक है।
ब्रह्मचारिणी देवी- नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ज्ञान, बुद्धिमत्ता, आत्मज्ञान, विश्वास, ईमानदारी और भक्ति में पवित्रता सभी का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनको हरा रंग प्रिय है।
चंद्रघंटा देवी- मां चंद्रघंटा साहस, संकल्प, धार्मिकता और निर्भयता का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके माथे पर अर्धचंद्र और बुराई को नष्ट करने की उनकी प्रचंड क्षमता के कारण, देवी चंद्रघंटा को ग्रे रंग से जोड़ा जाता है।
कूष्मांडा देवी- नवरात्रि का चौथे दिन देवी कुष्मांडा देवी की पूजा होती है। देवी कूष्मांडा का संबंध पीले रंग से है, जो चमक और महिमा का प्रतीक है। वह एक मुस्कुराती हुई देवी है जो ज्ञान, चमक और शांति प्रदान करती है।