वाराणसी में पंडाल में मां दुर्गा की पूजा
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शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा के साथ ही काशी का कण-कण शक्ति की आराधना में लीन हो गया। घरों से लेकर पंडालों तक नवरात्र की रंगत बिखरी तो सप्तशती के ओजस मंत्रों से माता का आह्वान किया गया। पहले दिन पांच पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजमान हुईं और पूजन के बाद प्रतिमाओं के पट भी खुल गए।
रविवार को ब्रह्म मुहूर्त के साथ ही शारदीय नवरात्र के अनुष्ठान आरंभ हो गए। घरों में गृहस्थों ने जहां कलश स्थापना के साथ ही देवी दुर्गा का आह्वान किया और पुजारियों ने सप्तशती के ओजस मंत्रों से माता की आराधना आरंभ की। शश, बुधादित्य के साथ ही पांच योगों में शारदीय नवरात्र की शुरूआत हुई। नवापुरा, दारानगर, सुड़िया, गायघाट और टाउनहॉल के पंडाल में पहले ही दिन प्रतिमाएं स्थापित हो गईं। कलश स्थापना के साथ ही नौ दिवसीय अनुष्ठान भी आरंभ हो गया। शाम को सांस्कृतिक आयोजन भी संपन्न हुए।
टाउनहॉल में 8 साल बाद विराजमान हुईं मां की प्रतिमा
टाउनहॉल की दुर्गा पूजा में आठ साल के बाद माता की प्रतिमा स्थापित हुई है। अन्याय प्रतिकार यात्रा के बाद से टाउनहॉल में चांदी की प्रतिमा स्थापित की जा रही थी।